मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों को दिया उपहार, बढ़ाया मानदेय और अधिकार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर ग्राम पंचायतों का पूरा सहयोग मिले तो यूपी के विकास को केंद्र, राज्य के साथ ही गांव से ट्रिपल इंजन की ताकत मिलेगी और प्रदेश का कायाकल्प हो जाएगा;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर ग्राम पंचायतों का पूरा सहयोग मिले तो यूपी के विकास को केंद्र, राज्य के साथ ही गांव से ट्रिपल इंजन की ताकत मिलेगी और प्रदेश का कायाकल्प हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया और साथ में कई घोषणाएं भी की हैं। राजधानी में आयोजित ग्राम उत्कर्ष समारोह (ग्राम पंचायत सम्मेलन) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर 42478 ग्राम पंचायत भवनों का लोकार्पण और 58189 ग्राम सचिवालयों व पंचायत पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कार के लिए चयनित 356 में से पांच ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया।
इस मौके पर उन्होंने घोषणा करते हुए बताया कि ग्राम प्रधानों का मानदेय तो बढ़ा ही है, उसके साथ ब्लॉक प्रमुख को 9800 की जगह 11300 और जिला पंचायत अध्यक्ष को अब 14000 की जगह 15500 रुपये मानदेय मिलेगा। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सदस्य को प्रति बैठक 100 रुपये मिलेंगे। एक साल में ग्राम पंचायत की 12 बैठकें होंगी। इसी क्रम में बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) को प्रति बैठक 500 रुपये की जगह 1000 रुपये मिलेंगे। एक साल में क्षेत्र पंचायत की छह बैठकें होंगी। जिला पंचायत सदस्य को अब प्रति बैठक 1000 रुपये की जगह 1500 रुपये मिलेंगे और जिला पंचायत की भी एक साल में छह बैठक होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव पंचायत में ग्राम पंचायत कोष का गठन किया जाएगा। इस कोष से आकस्मिक दुर्घटना का शिकार होने पर ग्राम प्रधान के परिजनों को 10 लाख, जिला पंचायत सदस्य को 5 लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य को 3 लाख और ग्राम पंचायत सदस्य के परिजनों को 2 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
कहा कि ग्राम पंचायतों को विकास के लिए हर साल अब प्रति कार्य पांच लाख दिये जाएंगे। पहले यह सीमा राशि 2 लाख थी। इसी प्रकार जिला पंचायतों को विकास के लिए 25 लाख रुपये प्रति कार्य की राशि दी जाएगी। पहले यह राशि सीमा 10 लाख रुपये थी।
कहा कि भौगौलिक रूप से समीपवर्ती एवं परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15,000 क्लस्टर बनाए गए हैं।
योगी ने कहा कि अगले तीन माह के अन्दर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज-लखनऊ एवं अहिरोरी-हरदोई) में इनका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिला योजना समिति में 2-2 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में एक वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जायेंगे।
कहा कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान-पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठक कर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे।