छत्तीसगढ़ : 1250 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित
रायपुर ! राज्य सरकार के चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 का तीसरा अनुपूरक आज विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।;
राज्य के इस वर्ष के मुख्य बजट का आकार हुआ 80 हजार 202 करोड़ रुपए
रायपुर ! राज्य सरकार के चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 का तीसरा अनुपूरक आज विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसमें लगभग एक हजार 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सदन में तृतीय अनुपूरक अनुमान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रस्तुत किया।
उन्होंने चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि तृतीय अनुपूरक की इस राशि को मिलाकर राज्य सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 के मुख्य बजट का आकार 80 हजार 202 करोड़ रुपए का हो गया है। उल्लेखनीय है कि इस वित्तीय वर्ष के मुख्य बजट में 73 हजार 996 करोड़ रूपए का प्रावधान था। द्वितीय अनुपूरक में पारित 2801 करोड़ रूपए को मिलाकर इसका आकार 78 हजार 952 करोड़ रूपए हो गया था। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया-यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि राज्य के विकासात्मक व्यय में लगातार वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 में दिसम्बर माह तक पूर्व वित्तीय वर्ष की उसी अवधि की तुलना में कुल व्यय में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
डॉ. रमन सिंह ने आज पारित तृतीय अनुपूरक के विभिन्न प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया - तृतीय अनुपूरक में आयोजना व्यय 818 करोड़ रुपए, आयोजनेत्तर व्यय 432 करोड़ रुपए, पूंजीगत व्यय 586 करोड़ रुपए और राजस्व व्यय 664 करोड़ रुपए अनुमानित है। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य का वित्तीय प्रबंधन काफी बेहतर है। मुख्य बजट 2016-17 में राजस्व आधिक्य 5 हजार 37 करोड़ रुपए है, जो प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय अनुपूरक की राशि शामिल करने पर घटकर 1 हजार 880 करोड़ रुपए होगा। राजकोषीय घाटा मुख्य बजट में 8 हजार 111 करोड़ रुपए अनुमानित है। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय अनुपूरक के बाद यह घाटा 11 हजार 963 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसे वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से निर्धारित सीमा के अंदर रखा जाएगा। वर्ष 2016-17 में दिसम्बर माह तक पूर्व वित्तीय वर्ष में उसी अवधि की तुलना में पूंजीगत व्यय में 21 फीसदी की वृद्धि हुई।
उन्होंने कहा- गांव, गरीब और किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। विगत वर्षों में भी हमने बजट में उनके लिए बेहतर से बेहतर प्रावधान किए हैं। वर्ष 2016-17 के मुख्य बजट में भी किसानों के कल्याण पर जोर दिया गया है। तृतीय अनुपूरक में भी उनके लिए जरूरी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। सोलर पम्प हेतु अनुदान- मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर सुजला योजना के अंतर्गत जून 2017 तक किसानों को ग्यारह हजार सोलर पम्प प्रदान करने का लक्ष्य है। तृतीय अनुपूरक में इस योजना के लिए 20 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसे शामिल करके इस वर्ष कुल 177 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। हितग्राहियों को केवल 5 हजार से 20 हजार के अंशदान पर तीन लाख 50 हजार रूपए से लेकर 5 लाख रूपए मूल्य के सोलर पम्प इस योजना के तहत दिए जा रहे हैं। इन सिंचाई पम्पों के लिए किसानों को बिजली के बिल और रख-रखाव के खर्च से मुक्ति मिल जाती है।
डॉ. सिंह ने सदस्यों को बताया कि राज्य के किसानों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए तृतीय अनुपूरक में 49 करोड़ 70 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। खरीफ वर्ष 2016-17 में दो हजार 300 करोड़ रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित किया गया था। आगामी 31 मार्च 2017 तक दस लाख किसानों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड वितरित करने का लक्ष्य है। तृतीय अनुपूरक में किया गया प्रावधान सहकारी बैंकों की लंबित राशि से संबंधित है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्य सरकार के तृतीय अनुपूरक में 20 करोड़ 73 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से 13 लाख 25 हजार किसानों का बीमा किया गया। पिछले खरीफ के तुलना में एक लाख 57 हजार अधिक किसानों का बीमा किया गया। रबी में भी बीमित किसानों की संख्या में 55 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने सदन को बताया कि मछली पालन में लगे किसानों से संबंधित नील क्रांति योजना के लिए तृतीय अनुपूरक में 7 करोड़ 12 लाख रूपए का प्रावधान किया जा रहा है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए एकीकृत अम्बै्रला योजना के तहत तृतीय अनुपूरक में 5 करोड़ 75 लाख रूपए का प्रावधान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 36 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रथम चरण में बेमेतरा, जांजगीर एवं बलौदाबाजार जिलों के अनुसूचित जाति बहुल 100 चयनित गांवों में अधोसंरचनात्मक कार्यों के लिए प्रति गांव 45 लाख रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (अतिरिक्त आवंटन) के लिए 51 करोड़ 78 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के लिए 13 करोड़ 58 लाख रूपए का प्रावधान तृतीय अनुपूरक में किया गया है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के लिए 9 करोड़ 16 लाख रूपए का प्रावधान इसमें रखा गया है। पूर्व में यह योजना शतप्रतिशत केन्द्रीय अनुदान से संचालित थी, किन्तु अब 50-50 फीसदी की भागीदारी पर संचालित हो रही है। डॉ. सिंह ने बताया - मुख्यमंत्री ग्राम, सडक़ एवं विकास योजना के तहत सामान्य क्षेत्रों से आदिवासी क्षेत्रों के लिए 25 करोड़ रूपए का अंतरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए 9 करोड़ 92 लाख रूपए का प्रावधान किया तृतीय अनुपूरक में किया गया है। गौण खनिज से प्राप्त राजस्व का पंचायतों को अंतरण किए जाने हेतु 153 करोड़ रूपए का प्रावधान किया जा रहा है।