छत्तीसगढ़: सरकार की शानदार सफलता, बच्चों के कुपोषण दर में कमी

 छत्तीसगढ़ में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में सरकार ने शानदार सफलता मिलने का दावा करते हुए कहा कि राज्य में शून्य से पांच वर्ष तक आयु समूह के बच्चों में कुपोषण की दर लगभग 10 प्रतिशत की कमी आयी है।;

Update: 2017-11-22 16:05 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में सरकार ने शानदार सफलता मिलने का दावा करते हुए कहा कि राज्य में शून्य से पांच वर्ष तक आयु समूह के बच्चों में कुपोषण की दर लगभग 10 प्रतिशत की कमी आयी है।

प्रदेश के सभी 27 जिलों के औसत आंकड़ों के अनुसार वर्ष   2012 में राज्य में कुपोषण की दर 40.05 प्रतिशत से लगातार घटते हुए वर्ष 2013 में 36.89 प्रतिशत, वर्ष 2014 में 32.16 प्रतिशत, वर्ष 2015 में 29.87 प्रतिशत और वर्ष 2016 में 30.13 प्रतिशत रह गई है।

इस बीच कुपोषण मुक्ति के लिए राज्य सरकार के महिला और बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन शुरू किया गया है।
इस मिशन का ध्येय वाक्य ‘संकल्प सुपोषण’ है।

मिशन के सुचारू संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति और महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इसके अंतर्गत उनके विभाग द्वारा कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, खाद्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन विभाग से समन्वय कर विभिन्न योजनाओं के जरिये बच्चों, माताओं और किशोरी बालिकाओं की सेहत को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इन विभागों से समन्वय कर सुपोषण आधारित खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

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