छतरपुर : छात्रावास अधीक्षिका व पति का कारनामा नाबालिग का कराया गर्भपात
छतरपुर ! आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में आज एक नाबालिग को दोपहर डेढ़ बजे जिला चिकित्सालय में अधीक्षिका गायत्री खरे और पति द्वारा नाबालिग उम्र 16 वर्ष को पेट में दर्द होने की शिकायत;
छतरपुर ! आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में आज एक नाबालिग को दोपहर डेढ़ बजे जिला चिकित्सालय में अधीक्षिका गायत्री खरे और पति द्वारा नाबालिग उम्र 16 वर्ष को पेट में दर्द होने की शिकायत को लेकर अस्पताल आए। जहां महिला डॉ.अर्पिता शुक्ला ने परीक्षण करने के उपरांत नाबालिग को पांच माह का गर्भ बताया और गर्भपात कर दिया।
नाबालिग को जिला चिकित्सालय में मात्र तीन घंटे रखा गया और उसे छुट्टी दे दी गई। मीडिया कर्मियों को खबर लगने के बाद अधीक्षिका का पति अस्पताल से फरार हो गया। अधीक्षिका ने गर्भपात कराने के पहले न तो पुलिस को कोई सूचना दी और न ही जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को। वहीं, नाबालिग अस्पताल से गायब है वह कहां गई है यह कोई भी बताने को तैयार नहीं है।
जानकारी अनुसार सीताराम कॉलोनी में कन्या छात्रावास में लगभग 50 छात्राएं रहतीं हैं और यह एक निजी मकान में संचालित हो रहा है। सवाल यह उठता है कि छात्रावास में रहने वाली नाबालिग को गर्भ कब ठहरा इसकी जानकारी अधीक्षिका को क्यों नहीं पता चली और अधीक्षिका ने गर्भपात कराने के पहले अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी नहीं दी।
जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. अर्पिता शुक्ला ने नाबालिग को तीन घंटे में छुट्टी दे दी। अधीक्षिका गायत्री खरे ने इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी परंतु अधिकारियों को घटना की जानकारी मिलने पर भी जिला संयोजक मोहित भारती पोरे मामले में चुप्पी साध ली। उल्लेखनीय है कि, छात्रावासों में इस तरह का कृत्य पूर्व में भी हो चुका है।
इनका कहना है
छात्रा के गर्भपात की सूचना पर मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है। बड़ामलहरा, एसडीएम, दिव्या अवस्थी को इस मामले की जांच की जवाबदारी सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
रमेश भंडारी, कलेक्टर