मध्यस्थता केंद्रों से सरकार हटायें अपना नियंत्रण: कांग्रेस

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आज राज्यसभा में जोर देकर कहा कि प्रस्तावित नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और अन्य मध्यस्थता केंद्रों से सरकारी नियंत्रण हटाया जाना चाहिए;

Update: 2019-07-18 18:07 GMT

नयी दिल्ली  । मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आज राज्यसभा में जोर देकर कहा कि प्रस्तावित नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और अन्य मध्यस्थता केंद्रों से सरकारी नियंत्रण हटाया जाना चाहिए अन्यथा ये अपने उद्देश्यों में कभी सफल नहीं हो पाएगें। 

कांग्रेस के सदन में उपनेता आनंद शर्मा , पी. चिदंबरम और अभिषेक मनु सिंघवी ने नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक 2019 और मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक 2019 की संयुक्त चर्चा में हिस्सा लेते हुए यह विचार व्यक्त किया। 

 चिदंबरम ने दोनों विधेयकों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार मंशा अच्छी है लेकिन इनके प्रावधान घोषित लक्ष्यों को हासिल करने में बाधक बनेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता केंद्र के अध्यक्षों का चयन सरकार करेगी। इन केंद्रों के अन्य सदस्यों के चयन में सरकार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल करेगी। उन्हाेंने कहा कि मध्यस्थता केंद्रों में पहुंचने वाले ज्यादातर मामलों में सरकार खुद वादी होती है। ऐसे में दूसरे पक्ष को मध्यस्थता केंद्रों पर भरोसा नहीं होगा और वह इनमें अपील करने से बचेगा।

कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि सरकार को मध्यस्थता केंद्रों में नियुक्ति के लिए एक कालेजियम बनाना चाहिए। जिससे इनकी निष्पक्षता और स्वतंत्रता बनी रह सके और सभी पक्षकारों का इनपर भरोसा बढ़ सके।

 

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