केन्द्र सरकार ने हटाई 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा

 केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के काफिले पर 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले के बाद केन्द्र सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए रविवार को पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली;

Update: 2019-02-18 02:27 GMT

नई दिल्ली। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के काफिले पर 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले के बाद केन्द्र सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए रविवार को पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली, इनमें मीरवाइज उमर फारूक और शब्बीर शाह भी शामिल हैं जो फिलहाल जेल में बंद हैं।

गौरतलब है कि शुक्रवार को जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह पुलवामा हमले के बाद स्थिति की समीक्षा करने राज्य के एक दिवसीय दाैरे पर आए थे जो उन्हाेंने इस अाशय के संकेत दे दिए थे।

सरकार के इस फैसले से हालांकि हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ज्यादा विचलित नहीं दिखाई दिए और यह प्रतिक्रिया की कि सुरक्षा प्रदान किए जाने का निर्णय सरकार का था और हटाने का फैसला भी उन्हीं का ही है।

राज्य सरकार की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन नेताओं की सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षाकर्मियों तथा वाहनों को आज शाम तक हटाया हुआ मान लिया जाएगा।

अन्य अलगाववादी नेताओं में बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और अब्दुल गनी बट शामिल हैं जिनकी सुरक्षा हटाई गई है।

जम्मू कश्मीर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने सरकार के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा“ हुर्रियत के लोग कश्मीरियों के असली दुश्मन है और अगर जम्मू कश्मीर आज आतंकवाद का सामना कर रहा है तो वह सिर्फ अलगाववादी नेताओं के कारण ही है।

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