केंद्र सरकार ने लोकपाल कानून को कारगर बनाया: जितेन्द्र

मोदी सरकार पर लोकपाल कानून को कमजोर करने के समाजसेवी अन्ना हजारे के आरोपों के एक दिन बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि सरकार ने इस कानून को कारगर बनाया है ।;

Update: 2017-12-06 18:12 GMT

नयी दिल्ली। मोदी सरकार पर लोकपाल कानून को कमजोर करने के समाजसेवी अन्ना हजारे के आरोपों के एक दिन बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि सरकार ने इस कानून को कारगर बनाया है ।

डां सिंह ने केंद्रीय सूचना आयोग के 12वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इससे पहले जो कानून बनाया गया था वह जल्दबाजी में बना था और वह अपर्याप्त था । उसमें ‘न्यायविद्’ शब्द को भी परिभाषित नहीं किया गया था । मोदी सरकार ने इसमें संशोधन करके इसे कारगर बनाया है। उन्होंने कहा कि 16वीें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष न होेने के कारण लोकपाल नहीं नियुक्त किया गया। इसकी नियुक्ति के लिए चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष होना अनिवार्य शर्त है । 

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सूचनाओं को छिपाने में विश्वास नहीं रखती और वह पारदर्शिता के लिए सभी संस्थाओं को मजबूत कर रही है। इसके लिए ‘व्हिसल ब्लोवर’ समेत कई विधेयक लंबित हैं । 

अन्ना ने कल यहां कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में लोकपाल लाने का वादा किया था लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने सम्बन्धित कानून की धारा 44 में संशोधन करके जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों की पत्नियों तथा बच्चों के नाम संपत्ति को घोषित करने का प्रावधान हटाकर उसे कमजोर कर दिया। 

डां सिंह ने कहा कि आरटीआई के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए ऐसी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए जिसमें वही लोग जानकारी हासिल कर सकें जिन्हें इसका इस्तेमाल करना हो । इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करने की भी जरूरत है कि जो जानकारी एक बार दी जा चुकी है , वह दोबारा न मांगी जाय। आरटीआई से जानकारी मांगने में विवेक का इस्तेमाल करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने सवाल किया कि जो जानकारियां पहले से वेबसाइट पर मौजूद हैं ,उन्हें आरटीआई से मांगने का क्या औचित्य है।  उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूरी पारदर्शिता से काम कर रही है तथा भ्रष्टाचार और काम में कोताही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

आरटीआई को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए पहली बार आयोग की सभी रिक्तियां भरी गयीं ,सूचनाएं मांगने के लिए आनलाइन पोर्टल बनाया गया जिससे दुनिया के किसी कोने से सूचना मांगी सकती है। वर्ष 2014-15 में करीब 87 हजार आनलाइन सूचनाएं मांगी गयीं जो 2016-17 में बढ़कर दो लाख 68 हजार 920 हाे गयी। उन्होंने बताया कि 56करोड़ रूपये की लागत से सूचना भवन का निर्माण हो रहा है । 

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