लद्दाख में हिमालयी पारिस्थितिकी के अध्ययन केंद्र को मंजूरी

 केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हिमालयी पारिस्थितिकी का अध्ययन करने के लिए गोविंद बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र को मंजूरी दी;

Update: 2019-10-30 23:39 GMT

नई दिल्ली। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हिमालयी पारिस्थितिकी का अध्ययन करने के लिए गोविंद बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र को मंजूरी दी।

श्री जावड़ेकर ने ट्वीट किया, “ हिमालयी पारिस्थितिकी का अध्ययन करने के लिए लद्दाख में गोविंद बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र की मंजूरी देते हुए खुशी हो रही है।”

उन्होंने कहा कि देश में गुरुवार को दो नए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अपने अस्तित्व में आने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

लद्दाख में एक नये क्षेत्रीय केन्द्र की मंजूरी के साथ देश में अब इसके छह केंद्र होंगे। इसके अलावा पांच केंद्रों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और नयी दिल्ली में स्थित हैं।

यह कदम जलवायु परिवर्तन के जोखिम वाले ठंडे रेगिस्तान के लिए वैकल्पिक और अभिनव आजीविका को बढ़ावा और महत्वपूर्ण ठंडे रेगिस्तान आवासों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए सुविधा प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से उप हिमालयी क्षेत्र में जल की कमी के मुद्दों और जलवायु स्मार्ट समुदायों को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण में मजबूती आयेगी।

जी बी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण और सतत विकास संस्थान, जिसे पहले जी बी पंत हिमालयी पर्यावरण और विकास संस्थान के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना 1988-89 में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत के जन्म शताब्दी वर्ष के दौरान मंत्रालय के स्वायत्त संस्थान के रूप में की गई थी।

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