सीएबी संविधान पर हमला : राहुल
लोकसभा द्वारा विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) 2019 पारित किए जाने के एक दिन बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे संविधान पर हमला बताया है।;
नई दिल्ली| लोकसभा द्वारा विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) 2019 पारित किए जाने के एक दिन बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे संविधान पर हमला बताया है।
उन्होंने कहा कि जो कोई भी विधेयक का समर्थन करता है, वह भारत की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, "नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 भारतीय संविधान पर हमला है। जो भी इसका समर्थन करता है वह हमारे राष्ट्र की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है।"
The #CAB is an attack on the Indian constitution. Anyone who supports it is attacking and attempting to destroy the foundation of our nation.
लोकसभा के सोमवार को यह विधेयक पास हुआ, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने का प्रावधान है। इसके एक दिन बाद ही राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की।
यह विधेयक लोकसभा में सोमवार-मंगलवार की आधी रात को पारित कर दिया गया। प्रमुख विपक्षी दलों ने हालांकि इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया।
विपक्ष के इस आरोप को सरकार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह देश में रहने वाले समुदाय को प्रभावित नहीं करता है।
विधेयक को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया।
विधेयक के पक्ष में 311 जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े। निचले सदन में सोमवार शाम चार बजे शुरू हुई कार्यवाही आठ घंटे की लंबी बहस के बाद सोमवार व मंगलवार की रात 12:06 बजे तक जारी रही।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न से भाग रहे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध समुदाय के लोगों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने के लिए कानून बनने से पहले अपनी अंतिम बाधा को पार करने के लिए विधेयक को अब मंगलवार को राज्यसभा में भेजा जाएगा।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए विधेयक का विरोध किया।