एसवी राजू (आखिर में): यह एक साफ़ केस है जिसके तहत... ... उमर खालिद-शरजील इमाम की ज़मानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
एसवी राजू (आखिर में): यह एक साफ़ केस है जिसके तहत UAPA की धाराएं लगती हैं। मर्डर, टेररिस्ट अटैक की साज़िश बनी। बड़े पैमाने पर हिंसा। बड़ा मकसद सरकार बदलना था। जो लोग तथाकथित धरने पर गए थे, वे लाठियां, एसिड की बोतलें, हथियार लेकर आए थे। सिस्टमैटिक प्लान था कि बांग्लादेश या नेपाल की तरह सरकार बदलने के लिए दंगा करवाया जाए। साज़िश की हद यही थी। ये वे लोग थे जिन्हें संविधान की ज़रा भी परवाह नहीं थी। चूंकि 43(d)(5) के तहत यह ज़मानत का मामला नहीं है। मैंने पहले ही कहा है कि इसे बराबरी और देरी से क्यों नहीं दिया जा सकता। अगर वे सहयोग करें तो मैं 2 साल में ट्रायल खत्म कर सकता हूं।
Update: 2025-11-21 10:15 GMT