एसवी राजू: अगर ज्यूडिशियल माइंड का इस्तेमाल यह... ... उमर खालिद-शरजील इमाम की ज़मानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

एसवी राजू: अगर ज्यूडिशियल माइंड का इस्तेमाल यह दिखाता है कि UAPA एक्ट के तहत कोई अपराध हुआ है, तो बेल देने का सवाल ही नहीं उठता। आरोप पहली नज़र में सही है क्योंकि कॉग्निजेंस लिया गया है। कॉग्निजेंस के उस ऑर्डर को चैलेंज नहीं किया गया है।

Update: 2025-11-21 09:38 GMT

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