राजू: उन्होंने जामिया और शाहीन बाग में स्टूडेंट्स... ... उमर खालिद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानिए क्या-क्या दी गईं दलीलें

राजू: उन्होंने जामिया और शाहीन बाग में स्टूडेंट्स को भड़काना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रोटेस्ट के नाम पर चक्का-जाम का मॉडल अपनाया और सही समय पर इसे डिसरप्टिव चक्का-जाम में बदलने का प्लान बनाया, जिससे नॉर्मल ज़िंदगी के लिए ज़रूरी सप्लाई और सर्विसेज़ में रुकावट आए और भारत के कुछ हिस्सों को भारत से अलग करने की कोशिश की जाए।

डिसरप्टिव चक्का-जाम का मकसद बड़े पैमाने पर पुलिसवालों और गैर-मुस्लिमों को मारना और घायल करना और कम्युनल दंगे करवाकर सरकारी और प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना था। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि शरजील इमाम ने दंगों पर थीसिस लिखी है और दंगे करवाने के लिए ज़रूरी चीज़ें जमा करने का उनका ज्ञान उनके भाषणों में दिखता है, साथ ही कम्युनल टैग भी, जो साफ़ दिखता है।

Update: 2025-11-20 09:41 GMT

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