नई दिल्ली : India become world fourth largest economy: वर्ष 2025 में 4.18 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ भारत जापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अगले ढाई से तीन सालों में वह जर्मनी को पीछे छोड़ देगा। सरकार की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। सरकार ने विशेषज्ञों के हवाले से यह भी अनुमान जताया है कि भारत की जीडीपी का आकार 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। चालू वित्त वर्ष यानी 2025-26 की दूसरी तिमाही में विकास दर छह तिमाहियों में सबसे ज्यादा रही है और यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी है। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और चीन दूसरे स्थान पर है।
जीडीपी विस्तार में केंद्रीय भूमिका निभाई
2025 में सुधारों की एक झलक देने वाली एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मजबूत निजी खपत के नेतृत्व में घरेलू कारकों ने जीडीपी विस्तार में केंद्रीय भूमिका निभाई है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने इस बात को दोहराया है कि भारत की विकास दर आगे भी तेज रहेगी। मूडीज को उम्मीद है कि भारत 2026 में 6.4 प्रतिशत और 2027 में 6.5 प्रतिशत की दर के साथ जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी। आइएमएफ (IMF) ने 2025 के लिए अपने अनुमान को बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत और 2026 के लिए 6.2 प्रतिशत कर दिया है। ओईसीडी (OECD) ने 2025 में 6.7 प्रतिशत और 2026 में 6.2% विकास दर का अनुमान लगाया है। सरकार ने कहा, "भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी इकोनमी में से एक है और इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए अच्छी स्थिति में है। 2047 तक (आजादी के सौ साल पूरे होने तक) हाई मिडिल इनकम वाला देश बनने के सपने के साथ, देश विकास दर, ढांचागत सुधारों और सामाजिक प्रगति को मजबूत करने पर काम कर रहा है।
पूरे साल के दौरान महंगाई में रही नरमी
सरकार ने कहा कि पूरे साल के दौरान महंगाई का ट्रेंड काफी हद तक ठीक रहा और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI ) आधारित महंगाई दर जनवरी 2025 के 4.26 प्रतिशत से लगातार कम होकर नवंबर, 2025 में 0.71 प्रतिशत हो गई। थोक मुद्रास्फीति भी साल के दौरान कम हुई, जिससे कीमतों में स्थिरता का माहौल मजबूत हुआ।
रोजगार के मोर्चे पर हुआ सुधार
रोजगार की स्थिति में भी सुधार दिखता है। नवंबर 2025 में, बेरोजगारी दर अक्टूबर के 5.2 प्रतिशत से घटकर 4.7 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2025 के बाद सबसे कम दर्ज किया गया स्तर है। यह गिरावट बड़े पैमाने पर थी, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों ने सुधार में योगदान दिया।
तीसरी सबसे बड़ी इकोनमी बनने से क्या बदलेगा
-अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनमी होगा
-वैश्विक मंचों पर भारत की आवाज को ज्यादा गंभीरता से सुना जाएगा
- सैन्य क्षमता के लिहाज से भारत की ताकत बढ़ेगी
-बड़ी इकोनमी का मतलब है जन कल्याण के लिए ज्यादा संसाधन
-संसाधनों की उपलब्धता से देश में सामाजिक सुरक्षा का होगा विस्तार
-लोगों की प्रतिव्यक्ति आय में तेजी से होगा इजाफा