नए साल से आस्ट्रेलिया भेजे जाने वाले सभी सामानों पर होगा शून्य-शुल्क
भारत से आस्ट्रेलिया भेजे जाने वाले सभी तरह के माल पर आगामी पहली जनवरी से शून्य- शुल्क दर पर प्रवेश मिलेगा। यह दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते के तहत होने जा रहा है;
पहली जनवरी से आस्ट्रेलिया भेजी जाने वाली सभी चीजों पर शुल्क शून्य हो जाएगा
नई दिल्ली। भारत से आस्ट्रेलिया भेजे जाने वाले सभी तरह के माल पर आगामी पहली जनवरी से शून्य- शुल्क दर पर प्रवेश मिलेगा। यह दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते के तहत होने जा रहा है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (भारत-आस्ट्रेलिया एक्टा) की तीसरी सालगिरह के उपलक्ष्य में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में सोमवार को कहा गया, ''1 जनवरी 2026 से, भारतीय निर्यात के लिए 100 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई टैरिफ लाइनें (वस्तु श्रेणियां) शून्य-शुल्क वाली होंगी, जिससे (भारत के ) श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए नए अवसर खुलेंगे।"
यह समझौता दो अप्रैल 2022 को हुआ था और यह 29 दिसंबर 2022 को प्रभाव में आया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच इस समय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीका) की बातचीत प्रगति पर है।
भारत का कहना है कि इस समझौते से मेक इन इंडिया और विकसित भारत 2047 के सपने के साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक में भारत की आर्थिक भागीदारी को मज़बूती मिल रही है। साथ मिलकर, भारत और ऑस्ट्रेलिया साझा समृद्धि और भरोसेमंद व्यापार का भविष्य बना रहे हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले तीन सालों में, इस समझौते से भारत के निर्यात में वृद्धि, बाज़ार प्रवेश में आसानी और आपूर्ति श्रृंखला में मज़बूती आयी है तथा जिससे भारतीय निर्यातकों, सूक्ष्म, लघु और मझोली इकाइयों , किसानों और मज़दूरों सभी को फायदा हुआ है।
मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 8 प्रतिशत बढ़ा, जिससे भारत का आस्ट्रेलिया के साथ व्यापार संतुलन बेहतर हुआ है। इससे विनिर्माण , रसायन, कपड़ा, प्लास्टिक, फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रोलियम उत्पाद और रत्न और आभूषण क्षेत्रों में मज़बूत बढ़त देखी गई है। यह समझौता कृषि-निर्यात में व्यापक वृद्धि लेकर आया है। इससे वहां भेजे जाने वाले फल और सब्जियों, समुद्री उत्पादों, मसालों में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
मंत्रालय के अनुसार इससे आस्ट्रेलिया को कॉफी के निर्यात में असाधारण वृद्धि हुई। अप्रैल-नवंबर 2025 में वहां के लिए रत्न और आभूषण निर्यात में भी 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मंत्रालय ने कहा है कि जैविक उत्पादों पर आपसी मान्यता समझौता (एमआए) पर हस्ताक्षर भारत-आस्ट्रेलिया एक्टा की एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे निर्बाध व्यापार संभव हुआ और निर्यातकों के लिए अनुपालन लागत कम हुई।
इंडिया ब्रैंड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार वर्ष 2024-25 में भारत-आस्ट्रेलिया व्यापार 24.1 अरब अमेरिकी डॅलर के बराबर था जिसमें भारत का वाणिज्यक वस्तुओं का निर्यात 8.58 अरब डॉलर और आयात 15.52 अरब डॉलर के बराबर था।