वास्तव में बसपा का कोई ट्विटर अकाउंट नहीं, पोस्टर फर्जी: मायावती

बसपा ने कुछ समाचारपत्रों में विपक्षी एकता से संबंधित प्रकाशित पोस्टर को फर्जी ठहराते हुये साफ किया कि उसका कोई भी आधिकारिक टि्वटर एकाउण्ट नहीं है और पोस्टर को टि्वटर करने का कोई सवाल नही है;

Update: 2017-08-21 14:19 GMT

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आज के कुछ समाचारपत्रों में विपक्षी एकता से संबंधित प्रकाशित पोस्टर को फर्जी ठहराते हुये साफ किया कि उसका कोई भी आधिकारिक टि्वटर एकाउण्ट नहीं है और इसलिये पोस्टर को टि्वटर के माध्यम से जारी करने का कोई सवाल नही है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू प्रसाद यादव द्वारा 27 अगस्त काे प्रस्तावित विपक्ष की रैली से सम्बन्धित जिस पोस्टर के हवाले से आज कुछ अखबारों में खबर छपी हैं वह सही नहीं है। वास्तव में बसपा का कोई ट्विटर अकाउंट नहीं है और इसलिये “पोस्टर’’ के सम्बंध मेें प्रकाशित और प्रसारित होने वाली खबरें गलत व मिथ्या प्रचार हैं।

बसपा इसका खण्डन करती है। उन्होंने कहा कि बसपा विभिन्न मुद्दाें पर अपनी बात देश के सामने रखने के लिये खास ताैर से हिन्दी में प्रेसनोट जारी करती है ताकि विस्तार से अपनी बातें मीडिया और लोगाें के सामने रख सके, जबकि ट्विटर में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी एकता के जिस पोस्टर के हवाले से खबर बनाई है वह प्रथम दृष्टया गलत व शरारतपूर्ण है।

बसपा की नीति व सिद्धान्त “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’’ पर आधारित है और इसको ही मुुख्य लक्ष्य रखकर हमेशा इसकी ही बात करती है, जबकि टि्वटर वाले पाेस्टर में “बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’’ काे दर्शाया गया है, जो कि गलत है। इसके अलावा उस पोस्टर में और भी कर्इ त्रुटियाँ हैं। मीडिया को एेसी ख़बरों के प्रकाशन व प्रसारण से पहले बसपा की आधिकारिक टिप्पणी अवश्य ही प्राप्त कर लेनी चाहिये थी। गौरतलब है कि समाचार पत्रों मे प्रकाशित एक पोस्टर में मायावती की एक आदमकद फोटो दर्शायी गयी है।

पोस्टर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजद अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, ममता बनर्जी, सोनिया गांधी और शरद यादव के चित्र लगे हैं। पोस्टर का स्लोगन है “ सामाजिक न्याय के समर्थन में विपक्ष एक ही”
 

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