उर्दू परिषद यूनिवर्सिटी की किताबें होंगी ऑनलाइन

 राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद जल्द ही विभिन्न विश्वविद्यालयों की किताबों को ऑनलाइन करने की योजना बना रही है;

Update: 2018-03-25 11:43 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद जल्द ही विभिन्न विश्वविद्यालयों की किताबों को ऑनलाइन करने की योजना बना रही है ताकि उर्दू माध्यम में पढ़ाई करने वाले छात्रों के सामने किताबों की समस्या न आये।

परिषद के निदेशक इरतजा करीम ने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों की किताबों को भी ‘ई-किताब’ ऐप पर ऑनलाइन करने की योजना है। ‘ई-किताब’ परिषद् द्वारा विकसित किया गया ऐप है। इसे शनिवार को लांच किया गया था और इस पर परिषद द्वारा प्रकाशित डेढ़ हजार से ज्यादा किताबें ईपब फॉर्मेट में मुफ्त उपलब्ध हैं। 

 करीम ने कहा कि इसके अलावा अन्य प्रकाशकों से भी बात चल रही है कि उर्दू के किताबों की सॉफ्ट कॉपी यदि उपलब्ध करा दी जाये तो उन्हें भी ई-किताब से जोड़ दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि परिषद का उद्देश्य उर्दू के पाठकों के लिए अधिक से अधिक सामग्री एक क्लिक पर उपलब्ध कराने की है। 

उन्होंने बताया कि इसके अलावा जल्द ही पुरानी किताबों की ई-लाइब्रेरी तैयार कर उसे ई-किताब से जोड़ दिया जायेगा। पुरानी किताबों की स्कैन की हुई प्रति उपलब्ध होगी। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। 
 

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