पवित्र नगरी के मंदिरों की जानकारी देने बनाई बुकलेट

नगर के गुरूकुल विद्या मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा पवित्र नगरी आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों के लिए अनूठी पहल करते हुए बुकलेट बनाई गई है;

Update: 2018-02-01 01:43 GMT

मुलताई। नगर के गुरूकुल विद्या मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा पवित्र नगरी आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों के लिए अनूठी पहल करते हुए बुकलेट बनाई गई है। बुकलेट से आने वाले श्रद्धालुओं को नगर के समस्त धार्मिक स्थलों सहित क्षेत्र के अनेक पर्यटनों की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। बुकलेट में सभी मंदिरों,कुंडों सहित सरोवर और मस्जिद और गुरूद्घारों की जानकारी एवं उनका इतिहास लिखा है, इससे पहले नगर में इस तरह की कोई बुकलेट नहीं थी, जिससे नगर में आने वाले यात्रियों को मुलताई के इतिहास की जानकारी नहीं मिल पाती थी। 

धार्मिक नगरी मुलताई में कितने मंदिर है, कितनी मस्जिदें, गुरूद्घारे, कौन सा कुंड कहॉ है और ताप्ती की पौराणिक कथा और महत्व क्या है, इन सभी तथ्यों की जानकारी तीर्थ यात्रियों को आसानी से नहीं मिल पाती थी, सरोवर के आसपास कोई गाइड भी नहीं है, जिसके कारण तीर्थ यात्रियों को सरोवर के दर्शन करके वापस चले जाना पडता था, लेकिन नगर के गुरूकुल वि$द्या मंदिर के वि$द्यार्थिओं ने एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसमें उक्त सभी जानकारियां समाहित है। बच्चों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट में धार्मिक स्थलों के चित्रों सहित उनका पौराणिक महत्व आदि सब कुछ शामिल किया गया है।

स्कूल के प्राचार्य अतुल बारंगे ने बताया कि स्कूल में बच्चों से विभिन्न विषयों पर इस तरह के प्रोजेक्ट बनवाएं जाते हैं, इस बार उन्हें धार्मिक स्थलों सहित ताप्ती की महिमा पर प्रोजेक्ट बनाने का काम दिया गया था। स्कूली बच्चों ने इस पर इतना बढया प्रोजेक्ट तैयार किया कि यह एक संपूर्ण बुकलेट बन गई है। विद्यार्थी दिपांशु पाठेकर, नताशा खान, प्रवीक बारस्कर, वैशाली गुजरे, खुशी खातरकर, निखील जैन, रूबल गौतम द्वारा बनाई गई उक्त बुकलेट नगर में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए गाइड की तरह काम करेगी। 

बुकलेट का प्रकाशन करा के होगा नि:शुल्क वितरण

बच्चों द्वारा बनाई गई इस बुकलेट से क्षेत्र में मां ताप्ती की महिमा का प्रचार-प्रसार होगा। नि:शुल्क होने से हर किसी की पहुंच में यह बुकलेट होगी। बच्चों द्वारा लगभग एक महीने इस प्रोजेक्ट पर काम किया गया है, नगर के कुछ जानकारों की मदद से ताप्ती और मंदिरों का पूरा इतिहास पता किया गया है, मंदिरों को कब, किसने बनाया, यह सभी जानकारियां इस बुकलेट में शामिल की गई है, वहीं ताप्ती के पौराणिक महत्व होने से इस बुकलेट का महत्व ब$ढ गया है। स्कूल के संचालक नवीन ओमकार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को लेकर बनाई गई बुकलेट अब स्कूल द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए प्रकाशित करवाएंगे, लगभग एक हजार बुकलेट प्रकाशित कर ताप्ती के समीप स्थित पूजा सामग्री की दुकानदारों को दिए जाएंगे, जिनका वितरण नगर में आने वाले तीर्थयात्रियों को नि:शुल्क किया जाएगा। इससे मुलताई का पौराणिक महत्व देश के कोने-कोने में आसानी से फैल सकेगा। 

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