ग्रामीणों में लगाया बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश निषेध का बोर्ड

देश में कोरोना वायरस के खतरे को भांपते हुए चंदौली जिले के एक गांव के लोगों ने बाहरी लोगों के प्रवेश को निषेध करने का सामूहिक फैसला कर दुनिया को कोविड-19 के जाल से निकलने का अनूठा संदेश दिया है;

Update: 2020-04-05 04:44 GMT

चंदौली। देश में कोरोना वायरस के खतरे को भांपते हुये उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के एक गांव के लोगों ने बाहरी लोगों के प्रवेश को निषेध करने का सामूहिक फैसला कर दुनिया को कोविड-19 के जाल से निकलने का अनूठा संदेश दिया है।

जिले में अलीनगर क्षेत्र के जफरपुर गांव में ग्रामीणों ने शनिवार को मुख्य मार्ग से गांव की ओर जाती सड़क पर ही बैरिकेडिंग लगाकर बाहरी लोगों के प्रवेश प्रतिबंध का बोर्ड लगा दिया। इससे अब गांव में बाहरी लोग प्रवेश नहीं कर पाएंगे।

ग्राम प्रधान चंद्रजीत यादव बबलू ने बताया कि बीते 24 मार्च को उनके गांव में मुंबई से ओमप्रकाश कनौजिया, सतीश कनौजिया, सोनू गुप्ता, रवि गुप्ता एवं गुड्डू गुप्ता लौटे थे। उसके दूसरे दिन सूरत से गांव के ही सुजीत सोनकर, अनिल चौहान, धन्नू चौहान एवं सूरज चौहान गांव आए।

उन्होने बताया कि सभी लोगों को गांव के बाहर ही पंचायत भवन में रोककर स्वास्थ्य विभाग से उनकी प्राथमिक जांच कराई जिनमें कोरोना के प्राथमिक लक्षण नहीं पाए गए। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ ध्रुवराज यादव ने गांव की एएनएम व आशा कार्यकर्त्री को सभी मरीजों की रिपोर्ट प्रतिदिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर देने का निर्देश दिया।

इसी दौरान बीते दो अप्रैल को जफरपुर के पड़ोसी गांव चन्दरखा के इस्माइल नामक व्यक्ति के दिल्ली मरकज से लौटने की सूचना पर ग्रामीण पूरी तरह से भयभीत हो गए जिसे देखते हुए चन्दरखा गांव को जफरपुर से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर ग्रामीणों ने औद्योगिक क्षेत्र फेज दो के पास बैरिकेडिंग कर बाहरी लोगों के प्रवेश को पूरी तरह से वर्जित कर दिया। बैरिकेडिंग के साथ ही गांव के लोग भी वहां दिन रात पहरा देते हैं जिससे बाहरी व्यक्ति किसी भी कीमत पर गांव में दाखिल नहीं हो सके।

प्रधान ने बताया कि यह कदम ग्रामीणों और उनके परिवारों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उठाया गया है।

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