होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा तय - रमन

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा हैं कि राज्य में अगले वर्ष के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला होने पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को फायदा मिलना तय है;

Update: 2017-09-12 13:46 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा हैं कि राज्य में अगले वर्ष के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला होने पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को फायदा मिलना तय है। डा.सिंह ने विशेष बातचीत में यूनीवार्ता के अगले वर्ष के चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के भी पहली बार मैदान में होने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगर त्रिकोणीय मुकाबला होता है,तो निश्चित रूप से भाजपा को इसका फायदा होगा।

विवादों से घिरे होने के बाद भी जोगी कांग्रेस के परम्परागत मतों को प्रभावित करने की स्थिति में है। कितना प्रभावित करेंगे यह तो देखना होगा। उन्होने कहा कि देश में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस की राज्य में स्थिति बदहाल है। नेता से लेकर कार्यकर्ता तक हताशा की स्थिति में है। राज्य में कांग्रेस के हुए विभाजन और जोगी के अलग पार्टी बना लेने से उत्पन्न स्थिति से ऊबर पाना उसके लिए आसान नही है। राज्य में जिन लोगो के हाथ में पार्टी की कमान है,वह स्वयं ही आरोपों से घिरे हुए है।

कांग्रेस के हाल ही में नए प्रदेश प्रभारी पी.एल.पुनिया की नियुक्ति होने तथा श्री पुनिया के लगातार सक्रिय रहने के बारे में पूछे जाने पर डा.सिंह ने कहा कि..नया नया दायित्व मिला है तो जाहिर है कि वह दौरे करेंगे बैठके करेंगे लेकिन उनके पास राज्य में कुछ खास करने को इसलिए नही रह गया क्योंकि निचले स्तर पर पार्टी का जनाधार ही समाप्त हो गया है। डा.सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हर चुनाव अलग अलग तरीके से लड़ा जाता है और हर चुनाव के मुद्दे भी अलग होते है। पिछले चुनावों में वह जब चुनावी समर में उतरे उस समय केन्द्र में यूपीए की सरकार थी जबकि इस बार एनडीए सरकार है जिसमें भाजपा को अकेले ही बहुमत हासिल है।

उन्होने कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार का काफी फर्क इस बार के चुनाव में देखने को मिलेगा। भाजपा पहले से भी ज्यादा उत्साह और विश्वास के साथ चुनावी समर में उतरेगी। राज्य में लगभग आधी विधानसभा सीटे आरक्षित होने के कारण क्या उन्हे नही लगता कि विशेष परिस्थिति के चलते विधान परिषद का गठन होना चाहिए,यह पूछे जाने पर उन्होने कहा कि कतई नही। उन्होने कहा कि वह विधान परिषद के गठन के पक्ष में पहले भी नही रहे और अब भी उनकी राय यहीं है

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