भाजपा ने ‘गठबंधन धर्म’ का उल्लंघन किया : बादल

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से देश में खासकर पंजाब में किसानों, खेत मजदूरों और कृषि उपज व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए एकजुट लड़ाई लड़ने की अपील की है;

Update: 2020-09-28 03:11 GMT

जालंधर। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से देश में खासकर पंजाब में किसानों, खेत मजदूरों और कृषि उपज व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए एकजुट लड़ाई लड़ने की अपील की है।

श्री बादल ने आज यहां कहा कि यह विधेयक देश की तबाही वाला हो सकता है। हम किसानों, खेत मजदूरों, आढ़तियों और अन्य कृषि उपज व्यापारियों के समग्र हितों के लिए किसी भी संघर्ष में शामिल होने या उसका पालन करने के लिए तैयार हैं।

कल रात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद अपना पहला सार्वजनिक भाषण दे रहे शिअद अध्यक्ष ने कहा कि देश को किसानों और खेत मजदूरों के साथ उनकी दयनीय परिस्थिति समझकर सहानुभूति रखने की जरूरत है। किसानों की आर्थिक दुर्दशा पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है। उन्होने कहा कि हम देश के व्यापक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।

सरदार बादल ने पंजाब में शांति, साम्प्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे को हर कीमत पर बनाए रखने के लिए पार्टी की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होने कहा कि हमें लोगों के अधिकारों के लिए अपने संघर्ष को बिल्कूल शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक रखने के लिए आदर्शों से हिचकिचाना नहीं चाहिए।

श्री बादल आज रोपड़, होशियारपुर और फगवाड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं और किसानों के बड़ी जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे ताकि उन्हें एक अक्टूबर के किसान मार्च के लिए लामबंद किया जा सके, जो पंजाब के तीनों तख्त साहिबों से शुरू होकर मोहाली में समापन होगा। उन्होंने कहा कि शिरोमणी अकाली दल इन मार्च के समापन पर राष्ट्रपति के लिए पंजाब के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेगा जिसमें उनसे तीन किसान विरोधी विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने और पुनर्विचार के लिए संसद में वापिस भेजने का आग्रह किया जाएगा।

पत्रकारों से बातचीत श्री बादल ने कहा कि शिरेामणी अकाली दल मूलतः किसानों की पार्टी है। भाजपा लीडरशीप किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ हमारी बार बार की गई दलीलों गौर करने को तैयार नहीं थी, न ही वे जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भाषा को राजभाषा के रूप में बहिष्कार करने पर हमारी आपत्तियों को सुन रहे थे। इसलिए सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और फिर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं सहित लोगों से परामर्श करने के बाद हमने गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि किसानों, खेत मजदूरों और शिरोमणी अकाली दल कैडर ने कल राज्य भर में पूरी तरह शांतिपूर्ण धरना दिया। अगर हम एकजुट खड़े होते हैं तो हम केन्द्र सरकार को किसानों के सामने झूकने और तीनों विधेयकों को निरस्त करने के लिए मजबूर कर पायेगे।

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