अडानी-अंबानी के हाथों सार्वजनिक संपत्ति को गिरवी रख रही भाजपा : दीपंकर

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र की भाजपासरकार पर आराेप लगाते हुए आज कहा कि वह नीतियों में बदलाव कर उद्योगपति अडानी और अंबानी के हाथों देश के कीमती प्राकृति संसाधनों समेत सार्वजनिक संपत्ति को गिरवी रख रही है;

Update: 2022-12-02 22:03 GMT

मुजफ्फरपुर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर आराेप लगाते हुए आज कहा कि वह नीतियों में बदलाव कर उद्योगपति अडानी और अंबानी के हाथों देश के कीमती प्राकृति संसाधनों समेत सार्वजनिक संपत्ति को गिरवी रख रही है।

श्री भट्टाचार्य ने यहां कनक श्री भवन में कल से ही जारी भाकपा-माले केंद्रीय कमेटी की तीन दिवसीय बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को कहा कि मोदी राज में हमारे देश के लोकतंत्र पर चौतरफा हमले हो रहे हैं और देश के नाम पर देश की जनता के ही बड़े हिस्से को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद ध्वंस से जो सिलसिला शुरू हुआ और जो 2002 में हुए गुजरात जनसंहार से परवान चढ़ा, उसे भाकपा-माले ने ही सबसे पहले 'साम्प्रदायिक फासीवाद' के रूप में चिन्हित किया था।

भाकपा-माले के महासचिव ने कहा कि देश के कारपोरेट खासकर अडानी-अंबानी भाजपा को सरकार में बनाये रखने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं और बदले में भाजपा देश की नीतियों में बदलाव कर और संस्थाओं पर दबाव डालकर कीमती प्राकृतिक संसाधनों समेत समूचे सार्वजनिक क्षेत्र को उनके हाथों गिरवी रख रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का चुनावी विस्तार और बढ़ती ताकत देश के लिए सचमुच एक विपदा बनकर आयी है।

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि जनसंघर्षों के माध्यम से और चुनावों में बड़ी विपक्षी एकता के जरिये भाजपा का प्रतिरोध करना और इस प्रतिरोध को एक शक्तिशाली धारा में बदल डालना ही भाकपा-माले के 11वें महाधिवेशन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हम अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के उन अनुभवों से भी सिख सकते हैं, जो वर्ष 1920-40 के दशक में हिटलर और नाजी जर्मनी को पराजित करने के दौरान हासिल हुए हैं।

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