एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण करना चाहती हैं भाजपा, कांग्रेस व सपा : बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में 11 अगस्त को बसपा नेताओं की एक बैठक हुई। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि भाजपा, कांग्रेस और सपा एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण करना चाहती हैं;

Update: 2024-08-11 17:49 GMT

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में 11 अगस्त को बसपा नेताओं की एक बैठक हुई। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि भाजपा, कांग्रेस और सपा एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण करना चाहती हैं।

यूपी में विधानसभा उप चुनाव को लेकर विश्वनाथ पाल ने कहा, पार्टी की तैयारी बहुत मजबूत है। भाजपा, कांग्रेस और सपा के लोग मिलकर एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण करना चाहते हैं। बहुजन समाज पार्टी इसे गांव स्तर पर लोगों को बताएगी। संविधान दिखाने वाले लोग आज संविधान की बात नहीं कर रहे हैं।

मिर्जापुर और फूलपुर सीट पर प्रत्याशी तय होने के सवाल पर बसपा नेता ने कहा, अभी मिर्जापुर का प्रभारी बनाया गया है, जब प्रत्याशी घोषित होगा, तो इसकी जानकारी दी जाएगी।

उपचुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे जाने पर उन्होंने कहा कि जहां पर जैसी परिस्थिति बनेगी, उसके हिसाब से प्रत्याशी उतारा जाएगा। बसपा का संगठन मजबूती से उप चुनाव की तैयारी करेगा और सभी 10 सीटों पर पार्टी उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।

बसपा नेता ने लोकसभा 2024 में एनडीए और इंडिया गठबंधन पर आरोप लगाया कि दोनों गठबंधन दलों द्वारा साजिश की गई थी। जिस संविधान को बदला नहीं जा सकता, सिर्फ संशोधन किया जा सकता है। उस संविधान को बदलने की बात एनडीए ने किया और बचाने की बात इंडिया ने किया, जो गलत है।

पहले ही संविधान का संशोधन कर एससी-एसटी समाज का काफी नुकसान किया जा चुका है और नुकसान पहुंचाने में तीनों ही दल भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी शामिली हैं।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले दिनों कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की वजह से आरक्षण मिला है। इस पर बसपा ने कहा कि जो भी आरक्षण मिला है, वो भीमराव अंबेडकर की वजह से मिला है।

सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी समुदाय में क्रीमी लेयर के आधार पर आरक्षण की टिप्पणी पर बसपा नेता ने कहा, सभी ने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एससी-एसटी के सांसद मिलने गए थे। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन सिर्फ बोल देने से अब नहीं चलेगा।

बसपा की मांग है कि संसद का सत्र बुलाकर संविधान में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए।

 

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