सीआरपीएफ में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी,बर्खास्त आरक्षक सहित 7 गिरफ्तार
बिलासपुर ! सीआरपीएफ में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से लाखों की ठगी करने वाले सीआरपीएफ के बर्खास्त प्रधान आरक्षक समेत 7 लोगों को पुलिस की टीम ने शहर के तीन लॉजों में दबिश;
साढ़े 3 लाख, फर्जी नियुक्ति पत्र, कार जब्त
बिलासपुर ! सीआरपीएफ में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से लाखों की ठगी करने वाले सीआरपीएफ के बर्खास्त प्रधान आरक्षक समेत 7 लोगों को पुलिस की टीम ने शहर के तीन लॉजों में दबिश देकर गिरफ्तार किया है। मुख्य सरगना बर्खास्त प्रधान आरक्षक के पास से पुलिस ने 3 लाख 50 हजार रूपए जब्त किया है। इसके अलावा फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किया गया है। पकड़े गए सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
6 आरोपी मुख्य सरगना के लिए एजेंट का काम करते थे जो बेरोजगार युवकों को झांसा देकर लाखों की ठगी करते आ रहे थे। पुलिस की टीम पूछताछ करने में लगी हुई है। बिलासागुड़ी में मामले का खुलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत कतलम ने पत्रकारों को बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि सूर्या होटल, महुआ होटल एवं श्यामा होटल में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल मे भर्ती के नाम पर लेनेदन की बात कुछ लोग कर रहे हैं। इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव को देकर उनसे दिशा-निर्देश लिया गया। उसके बाद सिविल लाइन सीएसपी लखन पटले, कोतवाली सीएसपी शलभ सिन्हा एवं विशेष टीम के ए एस आई हेमंत आदित्य एवं जवानों की टीम बनाकर तीनों होटलों में दबिश दी गई। रतनलाल शर्मा पिता स्व.लल्लन शर्मा उम्र 51 वर्ष गोधना थाना लाईन बाजार जिला जौनपुर उत्तरप्रदेश का निवासी जो पूर्व में सीआरपीएफ में प्रधान आरक्षक के पद से बर्खास्त हो जाने के उपरांत लोगों से धोखाधड़ी करते हुए नौकरी लगाने का झांसा देकर केण्डीडेट एवं उनके परिजनों को बिलासपुर के उल्लेखत होटलों में बुलाया था जिन्हें पकड़ा गया। भर्ती प्रक्रिया के संबंध में सीआरपीएफ सकरी बटालियन के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी एकत्र की जा रही है।
श्री कतलम ने बताया कि जांच पर पाया गया कि उक्त धोखाधड़ी के मामले में आरोपियों का गिरोह संचालित हो रहा था जिसमें मुख्य आरोपी रतनलाल शर्मा के सहयोगी भोलानाथ सिंह तथा श्री प्रकाश एवं अमित कुमार, राजू यादव, उमाशंकर, शिवकुमार वगैरह उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोगों से संपर्क कर उनको सीआरपीएफ में नौकरी लगाने के नाम से अवैध रकम वसूलते हैं तथा फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर पैसे लेकर बेरोजगार युवकों से ठगी करते पाया गया।
सीआरपीएफ से जानकारी लेने पर जानकारी प्राप्त हुई कि विभाग में एचसीएम पोस्ट हेतु रिजल्ट आना शेष है तथा टे्रडमेन भर्ती हेतु प्रक्रियाधीन है उक्त बातों की जानकारी रखने वाले कथित हेड कांस्टेबल सी.आर.पी.एफ रतन लाल शर्मा द्वारा अपने सीआरपीएफ में की गई नौकरी का विभागीय ज्ञान होने के कारण सीआरपीएफ में भर्ती कराने के नाम पर शिक्षित बेरोजगार युवकों जो सी.आर.पी.एफ में भर्ती होना चाहते थे। ऐसे लोगों से स्वयं तथा अपने अभिकर्ता भोलानाथ सिंह, प्रकाश अमित कुमार सिंह, उमाशंकर कुशवाहा, शिवकुमार गोंड़ के माध्यम से सभी को बिलासपुर के सूर्या होटल महुआ होटल एवं श्यामा होटल में एकत्र किया गया। मुखबिर की सूचना पर रेडकरने से रतनलाल शर्मा भोलानाथ सिंह, श्रीप्रकाश, अमित कुमार सिंह, उमाशंकर कछुवाहा, शिवकुमार गोंंड़ भर्ती कराने वाले वाहन चालक राजू यादव द्वारा एक राय होकर भर्ती हेतु केण्डीडेट गौरव, नितिन, विकाश, अमनसिंह, विवेक एवं दुर्गेश तथा इनके रिश्तेदार विजय बहादुर धर्मेन्द्र सिंह, नरेन्द्र, संजय सिंह के साथ सीआरपीएफ में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करते मिले। आरोपी रतनलाल शर्मा एवं उनके साथियों से दस्तावेज एवं भर्ती का झांसा देने संबंधी दस्तावेज एवं एकत्र किया गया। 3,50,000 रूपये नगद एवं एजेण्टों से नगदी रकम बरामद किया गया। केण्डीडेटों से भी ज्वाइनिंग लेटर जब्त किया गया है तथा ठगी करने बिलासपुर आने का साधन ईनोवा कार जब्त की गई। आरोपी रतन शर्मा से ड्रायविंग लाइसेंस इत्यादि प्राप्त हुआ। आरोपियों के विरुद्ध अपराध धारा 420, 471, 34 भादवि का अपराध सबूत पाये जाने पर 0 में अपराध पंजीबद्ध किया गया है जो थाना कोतवाली में नम्बरी अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।