बिहार बंद को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने के लिए महिलाओं का आभार : सम्राट चौधरी
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनडीए गठबंधन के आह्वान पर किए गए 'बिहार बंद' को लेकर गुरुवार को पूरे राज्य में व्यापक असर देखने को मिला;
महिला मोर्चा के नेतृत्व में शांतिपूर्ण बिहार बंद, सम्राट चौधरी ने जताया आभार
- प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में महिलाओं का सड़कों पर प्रदर्शन
- राजनीतिक मर्यादा और संस्कृति के अपमान पर भाजपा का प्रतिकार
- इंडिया गठबंधन से माफी की मांग, भाजपा ने बताया बंद को जनभावना का प्रतीक
पटन। बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनडीए गठबंधन के आह्वान पर किए गए 'बिहार बंद' को लेकर गुरुवार को पूरे राज्य में व्यापक असर देखने को मिला। इस बंद को महिलाओं ने बढ़-चढ़कर समर्थन दिया। इस बीच बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार बंद के सफल आयोजन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं बिहार की माताओं, बहनों और सभी महिलाओं को दिल से धन्यवाद देता हूं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से भाजपा महिला मोर्चा के साथ मिलकर इस बिहार बंद को सफल बनाया।"
इस बंद का आयोजन भाजपा महिला मोर्चा ने इंडिया गठबंधन के नेता द्वारा वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में किया। इस मुद्दे को लेकर महिलाओं में जबरदस्त आक्रोश देखा गया, जिसके बाद भाजपा और एनडीए ने महिला मोर्चा के नेतृत्व में बिहार बंद का ऐलान किया था।
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी इस मौके पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "एनडीए के आह्वान पर महिला मोर्चा ने पूरे बिहार बंद का नेतृत्व किया। महिलाओं ने इस अपमान के खिलाफ प्रतिकार किया और पूरे राज्य में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इंडिया गठबंधन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जिस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, वह केवल राजनीतिक मर्यादा ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का भी अपमान है।"
दिलीप जायसवाल ने आगे कहा कि यह बंद पूरी तरह स्वैच्छिक था और जनता ने खुद आगे आकर इसमें हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, "राजनीति में आलोचना, व्यंग्य और कटाक्ष तो चलते हैं, लेकिन गाली-गलौज की कोई जगह नहीं है। इंडिया गठबंधन के नेताओं को अब समझ में आ गया होगा कि जनता इस तरह की भाषा को कभी स्वीकार नहीं करेगी। इंडिया गठबंधन के नेताओं को माफी मांगनी चाहिए।"
गुरुवार को हुए इस 'बिहार बंद' में सड़कों पर भारी संख्या में महिलाओं की भागीदारी दिख रही है। बाजार, परिवहन और अन्य सेवाओं पर इसका असर पड़ा, लेकिन कहीं से किसी तरह की हिंसा या उपद्रव की खबर अब तक नहीं आई है।