बिहार : विधानसभा की घटना के विरोध में भाकपा (माले) ने मनाया धिक्कार दिवस
बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के विधायकों के साथ की गई मारपीट के विरोध में भाकपा (माले) ने बुधवार को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया;
पटना। बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के विधायकों के साथ की गई मारपीट के विरोध में भाकपा (माले) ने बुधवार को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर मार्च निकाला गया तथा घटना को लोकतंत्र की हत्या बताया गया। भाकपा (माले) के नेताओं ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और सरकार द्वारा लोकतंत्र की हत्या की गई। पार्टी ने विपक्ष के विधायकों पर बर्बर हमला का आदेश देने वाले पटना जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई करने की मांग की।
राजधानी पटना के कंकड़बाग और गर्दनीबाग में माले कार्यक्रताओं ने प्रतिवाद किया और बिहार विधानसभा के अंदर लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ मार्च व सभा आयोजित की गई।
माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा कि विपक्ष के विधायकों को पुलिस द्वारा घसीटते हुए बाहर निकालने और फिर लात-घूसों से उनकी बर्बर पिटाई लोकतंत्र पर काला धब्बा है। उन्होंने कहा कि भाजपा, जदयू लोकतंत्र की हत्या करके बिहार को फासीवादी शासन की ओर धकेलना चाहती है।
सचिव ने कहा कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 में जो आशंकाएं जाहिर की जा रही थीं, उसका नजारा कल विधानसभा के अंदर ही देखने को मिल गया।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने महिला विधायकों तक को नहीं छोड़ा। पुलिस के अलावा सिविल ड्रेस में और भी दूसरे लोग थे जो विपक्ष के विधायकों पर जानलेवा हमले कर रहे थे।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "पुलिस द्वारा विपक्ष के विधायकों को पिटवाकर विधेयक पास करवाना कौन सा लोकतंत्र है? बिहार की जनता सबकुछ देख रही है।"
गर्दनीबाग में धिक्कार दिवस का नेतृत्व शशि यादव ने किया और काली पट्टी बांधकर लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ धिक्कार दिवस मनाया।