आजादी के बाद भी भगत सिंह को नहीं मिला शहीद का दर्जा

अंग्रेजी दासता के चंगुल से देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को स्वतंत्रता प्राप्ति के 70 साल बाद भी शहीद का दर्जा नहीं मिल सका है।;

Update: 2018-03-22 16:08 GMT

लखनऊ। अंग्रेजी दासता के चंगुल से देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को स्वतंत्रता प्राप्ति के 70 साल बाद भी शहीद का दर्जा नहीं मिल सका है।

इस दौरान कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत कई दलों की सरकारों ने तीनो क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा दिलाने का वादा किया मगर सत्ता संभालने के बाद किसी भी दल ने इस बारे में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखायी।
पिछले साल इस सिलसिले में दायर एक जनहित याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस तर्क के साथ खारिज कर दिया कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नही है कि जिसके तहत न्यायालय इस बारे में काई आदेश जारी कर सके।

याचिका में कहा गया कि तीनों को 1931 में अंग्रेजों ने फांसी दे दी गई थी।
शहीदों का कानूनी अधिकार है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए और देश की तरफ से यही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी मगर अदालत ने इस बारे में काेई कानून का हवाला न देते हुये याचिका को खारिज कर दिया।

 

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