पुनर्विचार याचिका सुनने वाली पीठ कानूनी बिंदुओं को बड़ी बेंच को भेज सकती है : सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को व्यवस्था दी कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान भी पीठ सुनवाई के लिए अहम सवाल या मुद्दा तय कर उसे सुनवाई के लिए बड़ी बेंच को भेज सकती है।;

Update: 2020-02-10 12:48 GMT

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को व्यवस्था दी कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान भी पीठ सुनवाई के लिए अहम सवाल या मुद्दा तय कर उसे सुनवाई के लिए बड़ी बेंच को भेज सकती है।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने सबरीमाला मामले में यह व्यवस्था दी है।

न्यायालय ने कहा कि पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान भी विभिन्न कानूनी बिंदुओं और प्रश्नों को बड़ी पीठ को भेजने का आदेश दिया जा सकता है।

उच्चतम न्यायालय ने सबरीमाला मामले में गुरुवार (छह फरवरी) को इस बिन्दु पर फैसला सुरक्षित रख लिया था कि क्या पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ क़ानूनी सवालों को वृहद पीठ के सुपुर्द कर सकती है या नहीं।

संविधान पीठ ने वृहद पीठ के विचार के लिए सात बिन्दु भी तय किए।

संविधान पीठ में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौदर, एस अब्दुल नज़ीर, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं।

 

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