महाकालेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिये बाल्टी में पानी ले जाने पर प्रतिबंध
मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में मंदिर प्रशासन ने ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा के मद्देनजर जलाभिषेक के लिये बाल्टी और घडे में पानी ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।;
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में मंदिर प्रशासन ने ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा के मद्देनजर जलाभिषेक के लिये बाल्टी और घडे में पानी ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति सूत्रों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिदिन भगवान महाकाल का अर्पित किये जाने वाले पानी, फूल और अन्य सामग्री को लेकर विगत दिनों निर्देश दिये थे। इसका परिपालन करते हुये मंदिर प्रशासन यहां ज्योतिर्लिंग का अभिषेक सवा लीटर से अधिक पंचामृत से नहीं करेगा। पंचामृत अभिषेक में मात्र दूध, घी, दही, शहद और खांडसारी का ही उपयोग होगा। प्रतिदिन शाम 5 बजे के बाद ज्योतिर्लिंग को विधिवत साफ कर सुखाया जायेगा, तत्पश्चात गर्भगृह में सूखी पूजा की जायेगी।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ज्योतिर्लिंग पर आधा लीटर से अधिक जल चढ़ाया जाना प्रतिबंधित किये जाने के बाद लोग शिवलिंग को धातु के पात्र से स्पर्श किये बिना जल चढ़ा सकेंगे और गर्भगृह में निर्धारित किये गये जलपात्र ही अन्दर ले जा सकेंगे। मंदिर में बड़ी बाल्टी और घडे ले जाना प्रतिबंधित रहेगा और तडके होने वाली भस्म आरती में भगवान को भस्मी चढ़ाते समय लिंग को पूर्ण रूप से शुद्ध सूती कपड़े से ढंका जायेगा तथा पूजन करते समय ज्योतिर्लिंग को हाथ से रगड़ना या घिसा जाना पूर्ण रूप प्रतिबंधित रहेगा।
पंचामृत आदि पूजन में खांडसारी का उपयोग किया जायेगा। महाकाल मन्दिर में ज्योतिर्लिंग पर पुष्प एवं बिल्वपत्र शीर्ष भाग पर ही चढ़ाया जायेगा। गर्भगृह के क्षेत्र को स्वच्छ एवं सूखा रखा जायेगा।