संघ ईवीएम से छेड़छाड़ कर संविधान में मनुस्मृति घुसाने में लगा है
अगर बहराइच में बरामद हुए गाय की लाश मामले में किसी मुसलमान का नाम आया होता तो आज प्रदेश सहित पूरा देश जल रहा होता;
लखनऊ 03 अप्रैल। न्याय मंच उ.प्र. ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा है कि आरएसएस की बुनियाद ही छेड़छाड़, साजिश और धोखे पर खड़ी है। संघ काफी लम्बे समय से इतिहास से छेड़छाड़ कर दोगली संस्कृति को कायम करने में लगा है और अब ईवीएम से छेड़छाड़ कर संविधान में मनुस्मृति घुसाने मे लगा है।
बहराइच के एसीएमओ जे.एन. मिश्रा की गौशाला में गौरक्षा के नाम पर पशु क्रूरता का मामला सामने आने पर टिप्पणी करते हुए न्याय मंच के अध्यक्ष अमित अंबेडकर ने कहा कि ये वही प्रदेश है जहाँ दादरी में एक घर के अंन्दर फ्रिज में गाय का मांस रखे होने के शक में हिन्दूवादी संगठनों के नेतृत्व में भीड़ ने अखलाक को मारा था। और आज उसी प्रदेश में सरकारी संरक्षण मे चल रहा रैकेट गाय को मारकर उसकी लाशों का कारोबार कर रहा है, जहां मरे हुए लगभग सौ गाय की लाश और जिंदा बछड़े सहित बीस गायें बरामद हुई हों, वहां पर किसी हिन्दूवादी संगठन का न बोलना सवाल खड़े करता है।
उन्होंने कहा कि अगर बहराइच वाले मामले में किसी मुसलमान का नाम आया होता तो आज प्रदेश सहित पूरा देश जल रहा होता। इससे साबित हो गया कि गाय तो महज एक बहाना है, दरअसल उनका मकसद मुसलमानों पर कहर बरपाना है।
न्याय मंच के महासचिव मो. शकील ने एमपी में हुए ईवीएम टेस्ट के ऊपर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिस तरह से मशीन का कोई भी बटन दबाने से भाजपा की पर्ची निकल रही थी, उससे यह साबित हो गया कि भाजपा ने वोट से नहीं मशीन से चुनाव जीता है। हम मीडिया के माध्यम से चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ कर धोखेबाजी से चुनाव जीतने वाली भाजपा की जीत को रद्द करते हुए भाजपा को चुनाव लड़ने पर पाबन्दी लगाकर दोबारा चुनाव करवायें।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेड़कर के दिए हुए मजबूत संविधान की वजह से संघ अपने खतरनाक मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाया इसलिए संघ अब अपने सड़ी, बद्बूदार संस्कृति को EVM के द्वारा संविधान के भीतर घुसाकर अपने जहरीले व नफरत भरे एजेण्डे को लागू करना चाह रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है। न्याय मंच लोकतंत्र को बचाने के लिए ईवीएम का बहिष्कार करते हुए "ईवीएम हटाओ बैलट से चुनाव कराओ" के सवाल को लेकर आन्दोलन खड़ा करेगा।