अयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट ने जिरह खत्म करने की समय-सीमा मांगी
अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों से अपनी जिरह को खत्म करने की संभावित समय-सीमा बताने को कहा है;
नई दिल्ली। अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों से अपनी जिरह को खत्म करने की संभावित समय-सीमा बताने को कहा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने सुनवाई के 25वें दिन लंच के बाद मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन से इस मामले में जिरह पूरा करने का समय-सीमा बताने को कहा।
प्रधान न्यायधीश ने कहा, "इससे हमें इस मामले पर फैसला सुनाने में बचे समय का अंदाजा लगेगा।" धवन ने इसके जवाब में कहा कि वह इस मामले में फैसले का इंतजार कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने धवन से अपने पक्ष से सलाह के बाद समय-सीमा बताने को कहा। सभी न्यायाधीशों ने धवन से प्रतिवादियों के वकीलों से चर्चा कर समय-सीमा तय करने को कहा। संवैधानिक पीठ में न्यायाधीश ए.ए. बोबडे, डी.वाई. चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस.ए. नजीर शामिल हैं।
सुनवाई की शुरुआत में धवन ने कहा था उन्हें इस मामले पर जिरह के लिए कम से कम 20 दिन चाहिए।
इस मामले की 6 अगस्त से ही रोजाना सुनवाई हो रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपीलें दायर की गई हैं, जिसमें 2.77 एकड़ विवादित जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला में बराबर बांटने की बात कही गई थी।