ईवीएम मामले पर प्रियंका ने पूछे कई सवाल, बीजेपी उम्मीदवार की गाड़ी में मिली ईवीएम
ईवीएम एक बार फिर सवालों के घेरे में है;
फिर ईवीएम पर शक गहराया है..सवाल न सिर्फ ईवीएम की सुरक्षा को लेकर है बल्कि सवाल चुनाव आयोग के उस दावे पर भी है जिसमें वो पुख्ता तैयारियों की बात करता है लेकिन असम के करीमगंज की एक घटना ने आयोग के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी है...आम मतदाता के मन में एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर शक पैदा हो गया है...इसलिए सवाल उठाना लाजिमी है कि क्या ईवीएम सुरक्षित है...क्या ईवीएम से दिया गया वोट सुरक्षित है.. क्या जनादेश सुरक्षित है... देखिए यह रिपोर्ट
ईवीएम एक बार फिर सवालों के घेरे में है.. ताज़ा मामला असम से सामने आया जहां असम के करीमगंज में लावारिस कार में ईवीएम मिलने के बाद सियासी दलों ने चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं... ईवीएम मिलने के बाद से इलाके में राजनीतिक तनाव बढ़ा हुआ है. करीमगंज जिले के कनिसैल कस्बे में एक बोलेरो गाड़ी में रखी ईवीएम मिली है. गाड़ी में उस समय कोई नहीं था..
शुरुआती जांच में पता चला है कि वो बोलेरो गाड़ी पाथरकांडी निर्वाचन क्षेत्र के बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पाल की है. जिला निर्वाचन अधिकारी लोगों की शिकायत पर गाड़ी के पास पहुंचे तो वहां कोई मतदान अधिकारी या चुनाव आयोग का कोई कर्मचारी नहीं मिला. ना कोई दावेदार आया.
इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सभी राजनीतिक दलों से ईवीएम के पुनर्मूल्यांकन की मांग की है.ईवीएम मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया,
'हर बार चुनाव के दौरान ईवीएम को निजी वाहनों में ले जाते हुए पकड़े जाने पर कई चीजें एक होती हैं, पहला गाड़ी आमतौर पर भाजपा उम्मीदवारों या उनके सहयोगियों के होते हैं.अपने अगले ट्वीट में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 'क्रोनोलॉजी' समझाते हुए कहा,
'इस तरह के वीडियो को एक घटना के रूप में लिया जाता है और बाद में खारिज कर दिया जाता है. इसके साथ ही बीजेपी अपने मीडिया तंत्र का इस्तेमाल उन लोगों पर आरोप लगाने के लिए करती है जिन्होंने ईवीएम को निजी गाड़ियों में ले जाने के वीडियो को उजागर किया होता है.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा,
'तथ्य यह है कि इस तरह की कई घटनाओं की सूचना दी जा रही है और उनके बारे में कुछ भी नहीं किया जा रहा है. चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई शुरू करने और सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा ईवीएम पर पुनर्मूल्यांकन शुरू करने की आवश्यकता है.वहीं चुनाव आयोग की तरफ सामने आये स्पष्टीकरण में यह बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग के अधिकारियों की गाड़ी खराब हो गई थी, जिसके बाद अधिकारी ने एक निजी गाड़ी कर ईवीएम मशीन को ले गये जो गाड़ी भाजपा उम्मीदवार की थी
चुनाव आयोग यह भी कह रहा है कि ईवीएम ले जा रही गाड़ी पर हमला किया गया। इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है वहीं, इस बीच चुनाव आयोग ने उक्त मामले में चार पोलिंग अफसरों सस्पेंड कर दिया है