सीजेएम कोर्ट ने पत्रकार विनोद वर्मा को ट्रांजिट रिमांड में भेजा  

ग़ाज़ियाबाद  के इंदिरापुरम से वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने ब्लैमेलिंग, रंगदारी वसूलने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया और सीजेएम कोर्ट ने  ट्रांजिट रिमांड दी;

Update: 2017-10-27 18:05 GMT

ग़ाज़ियाबाद।  ग़ाज़ियाबाद  के इंदिरापुरम से वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने ब्लैमेलिंग, रंगदारी वसूलने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में उनके घर से उन्हें गिरफ्तार किया लेकिन अब ग़ाज़ियाबाद की सीजेएम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पुलिस को उनके खिलाफ ट्रांजिट रिमांड दे दी है जिससे की पुलिस उन्हे छत्तीसगढ़ ले जाएगी।

कोर्ट में पेश होने से पहले विनोद वर्मा ने कहा  की मेरे पास एक मंत्री की सेक्स सीडी है जिसके कारण मुझे निशाना बनाया जा रहा है। वह सीडी उनके पेन ड्राइव में है।  

पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि विनोद वर्मा के घर से 500 सीडी बरामद की गई हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा पुलिस ने 2 लाख रुपये  भी जब्त  किये है। 

छत्तीसगढ़ के पंडरी थाने में  विनोद वर्मा के ख़िलाफ़ धारा 384 (रंगदारी वसूलने) और धारा 506 (जान से मारने की धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यूपी पुलिस ने बताया की इस गिरफ्तारी को सिर्फ छत्तीसगढ़ पुलिस ने अंजाम दिया है।

पूर्व पत्रकार और आप के सीनियर नेता आशुतोष ने इस गिरफ्तारी को प्रेस पर हमला बताया है।वहीं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने  कहा की विनोद वर्मा को  सुबह 3 बजे छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था । 

 छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि  विनोद वर्मा की रिपोर्ट्स से सरकार नाराज़ थी और यह गिरफ़्तारी पत्रकारों  को डराने  की कोशिश है।  

मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल की छत्तीसगढ़ इकाई  के अध्यक्ष डॉक्टर लाखन सिंह ने  कहा, यह पत्रकारिता कि आवाज़ को दबाने की कोशिश  है और हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनोद वर्मा के पास छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री के सेक्स सकैंडल की सीडी थी जिसके बारे में वह अगले कुछ दिनों में खुलासा करने वाले थे लेकिन उससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।  कांग्रेस ने वर्मा की गिरफ्तारी का तीखा विरोध किया है। 

आपको बता दें कि विनोद वर्मा देशबन्धु और बीबीसी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कुछ वक्त पहले वह अमर उजाला डिजिटल के प्रमुख थे और छत्तीसगढ़ के  सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर लंबे समय से लिखते रहे हैं। वे एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के सदस्य भी हैं।

 

 

 

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