सेना-राकांपा-कांग्रेस ने 160 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया 

महाराष्ट्र में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लागू होने से रोकने के लिए शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस के 'महा विकास अगाड़ी' ने राज्य में सरकार बनाने के लिए आज अपना दावा पेश कर दिया;

Update: 2019-11-25 13:37 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लागू होने से रोकने के लिए शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस के 'महा विकास अगाड़ी' ने राज्य में सरकार बनाने के लिए आज अपना दावा पेश कर दिया। पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने आईएएनएस को बताया, "तीन दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन गया, क्योंकि राज्य में मौजूदा सरकार निश्चित रूप से गिरने वाली है।"

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने भी कहा कि राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जाना चाहिए और महा विकास अगाड़ी को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।

मराठी में लिखे गए गठबंधन के पत्र में उल्लेख किया गया है कि इसे सुबह 10.20 बजे प्रस्तुत किया गया था। पत्र में कहा गया है, "23/11/2019 को, देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन, इससे पहले, उन्होंने सरकार बनाने में असमर्थता व्यक्त की थी, क्योंकि उनके पास पर्याप्त बहुमत नहीं था। लेकिन उन्हें अब भी बहुमत साबित करने की आवश्यकता होगी।"

पत्र में आगे कहा गया है, "वर्तमान में भी उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है और वह बहुमत साबित करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसी स्थिति में, हम सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश कर रहे हैं।"

यह कहते हुए कि उन्होंने तीनों दलों के विधायकों के समर्थन वाली एक सूची सौंपी हैं, पत्र में राज्यपाल से सरकार गठन के लिए फौरन उन्हें आमंत्रित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है, क्योंकि उनके पास पर्याप्त बहुमत है।

राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने तीनों दलों के कुल 160 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के कार्यालय को सौंप दिया है।

पत्र पर शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे, राकांपा विधायक दल के नेता जयंत पाटील और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात के हस्ताक्षर हैं।

दिलचस्प बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी तरफ से 170 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, जिसमें राकांपा, निर्दलीय और छोटे दलों के अलावा इसके अपने 105 विधायक शामिल हैं।

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