मदरसों में संशोधित कुरान ए मजीद पढ़ाने की पीएम मोदी से अपील

मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ कुरान ए मजीद की एक आयत को हटाने को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने पीएम मोदी से अपील की;

Update: 2021-05-29 14:07 GMT

लखनऊ। मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ कुरान ए मजीद की एक आयत को हटाने को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस संबंध में उचित आदेश पारित करने की गुहार लगायी है।

रिजवी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में दलील दी है कि कुरान ए मजीद में 26 लेख (आयत) ऐसी है जो अल्लाह का कथन नहीं हो सकता क्योंकि उक्त आयत आतंकवाद,चरमपंथी और कट्टरपंथी मानसिकता को बढ़ावा देती है और यही कारण है कि पूरे विश्व में मुस्लिम आतंकवाद चरम सीमा पर है। गहन अध्ययन के बाद उन्होने पूर्व में लिखे गए व लिखवाए गए कुरान ए मजीद के सूरोह को सही क्रम में लगाया है और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली 26 आयतों को कुरान ए मजीद से हटा दिया है।

उन्होने प्रधानमंत्री से अपील की कि सही किये गए कुरान ए मजीद को मदरसों मे मुस्लिम समाज को पढ़ाए जाने के लिये व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने से संबंधित आदेश देने की कृपा करें।

मौजूदा कुरान ए मजीद वर्तमान स्थिति के हिसाब से तो बिल्कुल सही नहीं है। दूसरे के धर्म से नफरत पैदा हो अपने धर्म को सही बता कर दूसरे धर्म का अपमान किया जाना यह राष्ट्रहित में उचित नहीं है और गैर संवैधानिक है। भारत को इस मामले में पहल करना इसलिए जरूरी है क्योंकि भारत में मुस्लिम सहित अन्य धर्म के लोग भी रहते हैं।

बोर्ड के सदस्य ने कहा कि उन्होने इस बारे में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसे बिना कोई विस्तृत आदेश किए खारिज कर दिया गया। उक्त जनहित याचिका पुनः सुनवाई के लिये सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है जो कि लंबित है।

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