मप्र में आंगनवाड़ी केंद्रों पर नजर रखने में एप बना मददगार

मध्य प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रो की निगरानी रखने के लिए मोबाइल एप का सहारा लिया जा रहा है।;

Update: 2020-06-24 12:33 GMT

भोपाल | मध्य प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रो की निगरानी रखने के लिए मोबाइल एप का सहारा लिया जा रहा है। इसी एप के जरिए आंगनवाड़ी केंद्रों की सभी गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उनकी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित वास्तविक समयबद्घ निगरानी के लिये कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) का उपयोग किया जा रहा है। इस मोबाइल एप के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में आयोजित होने वाली समस्त गतिविधियों की जानकारी दर्ज की जाती है।

बताया गया है कि प्रदेश में अब तक कुल 16 जिलों में 27 हजार 817 स्मार्ट फोन, सिम, इंटरनेट डाटा प्लान उपलब्ध कराए जा चुका है। शेष 36 जिलों की 69 हजार 318 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को इस सॉफ्टवेयर के उपयोग का चरणबद्घ रूप से जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के संचालन के लिये प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को एक स्मार्ट फोन एवं सिम कार्ड प्रदान किया गया है। इस एप्लीकेशन से आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकृत सभी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के नाम दर्ज होते हैं। इस सॉफ्टवेयर के आने से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दस अलग-अलग रजिस्टर से मुक्ति मिली है।

एप के माध्यम से पर्यवेक्षक को यह जानकारी आसानी से मिल जाती है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा केन्द्र खोला गया है या नहीं, कौन-सा बच्चा कुपोषित है और उसे क्या सेवा दी जा रही है।

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