टूजी पर अन्ना और भाजपा ने किया कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार
टूजी मामले में आए फैसले ने कांग्रेस में जान फूंक दी है;
नई दिल्ली। टूजी मामले में आए फैसले ने कांग्रेस में जान फूंक दी है। वहीं, एक ओर कांग्रेस के नेता जहां संसद में सत्तारूढ़ दल से सवाल का जवाब मांग रहे हैं, तो वहीं सड़कों पर भी उतर कर भाजपा के खिलाफ मोर्चा बंदी शुरू कर दी है।
आज हजारों कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ संसद तक मार्च का आयोजन किया। कांग्रेस प्रदेश प्रमुख अजय माकन ने टूजी मामले को भाजपा व अन्य राजनीतिज्ञों द्वारा कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश करार दिया और कहा कि अब यह साजिश न्यायालय के निर्णय के बाद बेनकाब हो गई।
प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि न्यायालय ने अपने निर्णय में साफ कहा है कि 2जी का मामला सार्वजनिक परिकल्पना तथा गपशप पर आधारित था और उसमें किसी भी प्रकार की न तो सच्चाई थी और न ही भ्रष्टाचार के सबूत थे। विरोध मार्च में पूर्व सांसद सज्जन कुमार, पूर्व मंत्री डॉ. नरेन्द्र नाथ, डॉ. योगानंद शास्त्री, मेहदी माजिद सहित कई पूर्व विधायक, पार्षद शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन में जिला व ब्लाक कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस व एनएसयूआई के हजारों कार्यकर्ता हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर भाजपा-विनोद राय ने रचा खेल, न्यायालय ने किया फेल, भाजपा-विनोद राय ने खोदी खाई खुद ही गिर गए भाजपाई।
2जी स्कैम हुआ हवा हवाई -मोदी जी ने मुह की खाई, भाजपा-विनोद राय ने बहकाया, 2जी का सच सामने आया जैसे नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारी नरेन्द्र मोदी माफी मांगों के नारे लगाते हुए पुलिस बेरिकेट पार करने की कोशिश में जुट गए, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। माकन ने कहा कि उस समय के तत्कालीन कम्प्ट्रोलर ऑडिटर जनरल ने कहा था कि 2जी के अन्तर्गत 1.76 लाख करोड़ का घोटाला हुआ था।
दूसरी ओर सीबीआई ने न्यायालय के सामने बोला था कि 2जी में 31 हजार करोड़ का घोटाला हुआ था। वहीं, सीएजी के अन्य अधिकारी ने यह कहा था कि इसमें 36 हजार करोड़ का घोटाला था। अब न्यायालय ने अपने निर्णय में कह दिया कि 2जी में कोई घोटाला नहीं हुआ इससे दूध दूध का पानी पानी हो गया। यह मुकदमा सात वर्ष तक चला, लेकिन एक भी गवाही ऐसी सामने नही आई जो यह कह सकी कि 2जी में कोई घोटाला हुआ है।
माकन ने कहा कि भाजपा और केजरीवाल देश से माफी मांगे क्योंकि इन दोनों ने मिलकर 2जी को लेकर देश को गुमराह किया था। उन्होंने कहा कि फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व की नीति 1999 एनडीए के शासनकाल में बनी थी जिसके तहत 22 लाइसेंस दिए गए थे। जब 2007 में इस नीति को हटाने की बात हुई तो ट्राई के चेयरमैन ने विरोध किया। इसलिए अब ज्ञात हो चुका है कि अन्ना हजारे और भाजपा ने मिलकर कांग्रेस के खिलाफ 2जी को लेकर जो दुष्प्रचार किया था वह केवल राजनीतिक लाभ को प्राप्त करने के लिए कहा था।