रोहिंग्या की वापसी के लिए प्रयास जारी : सू की

म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने मंगलवार को कहा कि उनका देश अल्पसंख्यक रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम कर रहा है;

Update: 2018-08-21 22:36 GMT

सिंगापुर। म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने मंगलवार को कहा कि उनका देश अल्पसंख्यक रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम कर रहा है। रोहिंग्या 2017 में सेना की आक्रामक कार्रवाई के बाद पड़ोस के बांग्लादेश भाग गए थे। सिंगापुर में एक सम्मेलन में सू की ने कहा कि म्यांमार ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को 30 से ज्यादा गांवों में पहुंच प्रदान की है। इन गांवों को वे नवंबर में बांग्लादेश व म्यांमार के बीच हुए स्वदेश वापसी समझौते के बाद रोहिग्या की वापसी के लिए तैयार कर रहे हैं।

समझौते के अनुसार, स्वदेश वापसी प्रक्रिया समझौते पर हस्ताक्षर के बाद दो साल की अवधि के भीतर पूरी होगी।

नोबेल पुरस्कार विजेता सू की को उत्तरी रखाइन में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के खिलाफ बोलने में विफल रहने को लेकर दुनिया भर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। 

समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, सम्मेलन के दौरान सू की ने कहा कि देश रखाइन राज्य में शरणार्थियों को स्वीकारने के लिए तैयार है, हालांकि, उन्होंने वापसी के लिए किसी विशेष तिथि का उल्लेख नहीं किया।

उन्होंने अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएस) का जिक्र करते हुए कहा कि रखाइन में आतंकवादी गतिविधियां बनी हुई हैं।

सू की ने कहा, "यह एक ऐसा खतरा है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह सिर्फ म्यांमार के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे क्षेत्र व इससे परे दूसरे देशों के लिए भी खतरा हो सकता है।"

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