कोरोना संकट के बीच चिकित्सा संस्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम हुआ तेज
कोरोना संक्रमण से मरीजों की जान बचाने के प्रयासों की कड़ी में चिकित्सा संस्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है;
लखनऊ। कोरोना संक्रमण से मरीजों की जान बचाने के प्रयासों की कड़ी में चिकित्सा संस्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों में बनाए गए कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस की पर्याप्त उपलब्धता के लिए ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगना शुरू हो गए हैं। सरकार ने 13 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में पीएसए आधारित ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं। निजी अस्पतालों में सरकारी खर्च से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम भी गति पकड़ने लगा है।
उन्होने बताया कि सभी राजकीय क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में ऑक्सीजन गैस की निर्बाध आपूर्ति और व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के ऐसे निजी मेडिकल कॉलेज और संस्थान जिनमें एलएमओ आधारित ऑक्सीजन प्लांट स्थापित नहीं हैं, उनमें राजकीय बजट से ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट की स्थापना के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
सूत्रों ने दावा किया कि बांदा, आजमगढ़, बहराइच, बस्ती, जालौन, अयोध्या में कोरोना से संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। प्रदेश के इन छह राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाने का काम तेज हो गया है। इन अस्पतालों में एलएमओ आधारित ऑक्सीजन प्लांट स्थापित नहीं हैं और ऑक्सीजन की आपूर्ति सिलेंडरों से की जा रही है। यहां पीएसए तकनीक पर आधारित ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाए जाने की परियोजना पर काम तेज गति से चल रहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन में पीएसए आधारित ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट की स्थापना की जा रही है।
प्रदेश के अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, बदायूं और फिरोजाबाद जैसे शहरों में पीएम केयर फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम तेज हो गया है। इन चार मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट की स्थापना के लिए पीएम केयर्स फंड से धनराशि स्वीकृत कराने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को पत्र भेजा गया था।
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में राजकीय क्षेत्र के 25 और निजी क्षेत्र के 33 मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा विश्वविद्यालयों में लेवल 2 और लेवल 3 के कोविड अस्पताल चल रहे हैं। जिनमें मात्र एक सप्ताह में 866 बेड्स बढ़ाए गए हैं, इनमें 119 आईसीयू बेड्स हैं। जबकि पिछले दो महीनों का आंकड़ा देखा जाए, तो यह संख्या 2400 बेड्स की है। जिनमें से 234 आईसीयू बेड हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत पिछले साल मार्च 2020 में 488 आईसोलेशन बेड्स को बढ़ाने के साथ की गई थी।
उन्होने बताया कि आपदा मोचक निधि से प्रदेश के नौ राजकीय मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट की स्थापना का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद काम तेज गति से शुरु कर दिया गया है। प्रदेश के 12 राजकीय मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों जैसे लखनऊ के एसजीपीजीआई, केजीएमयू, डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, गोरखपुर, झांसी, मेरठ, उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, इटावा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोयडा और सुपर स्पेशिलिटी पीडियॉट्रिक हॉस्पिटल एवं शिक्षण संस्थान, नोयडा और निजी क्षेत्र के आठ मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों जैसे एरा मेडिकल कॉलेज लखनऊ, श्री राममूर्ति मेडिकल कॉलेज बरेली, नारायण मेडिकल कॉलेज कानपुर, रामा मेडिकल कॉलेज हापुड़, सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ, तीर्थांकर महावीर मेडिकल कॉलेज मुरादाबाद और बीएचयू वाराणसी और एएमयू अलीगढ़ में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन आधारित कोयाजेनिक टैंक स्थापित हैं।
इन सभी 22 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में पहले से ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं।