दोपहिया वाहनों पर होगी एंबुलेंस
उपराज्यपाल को यह भी बताया गया कि इन वाहनों से भीड़भाड़ इलाकों एवं पीक आवर में जहां चार पहिया एम्बुलेंस तुरंत नहीं पहुंच सकती वहां स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाई जा सकेगी;
नई दिल्ली। राजधानी में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवहारिकता को तलाशने के लिए अस्पताल में भर्ती होने से पहले स्वास्थ्य सेवा हेतु फर्स्ट रिस्पान्डर्स वाहनों की शुरूआत करने के संबंध में आज राजनिवास में एक समीक्षा बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि ऐसी एंबुलेंस सुविधा हो जो भीड़ भाड वाली जगहों में तेजी से पीड़ित तक पहुंच सके और विपदा के समय यह सेवा सुनिश्चित करे कि मरीजों को सही समय पर उपचार मिल सके ताकि जीवन मिल सके व रोगियों को भी राहत मिल सकेगी।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, प्रधान सचिव स्वास्थ्य के अलावा अधिकारी मौजूद थे और उन्होने उपराज्यपाल को बताया कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए एम्बुलेंस की तैनाती से पहले फर्स्ट रिस्पान्डर्स वाहनों (दो पहिया वाहनों) की आवश्यकता है। यह वाहन प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चलाया जाएगा एवं वे अपने साथ प्राथमिक उपचार किट एवं अन्य जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं को भी रखेंगे। उपराज्यपाल को यह भी सूचित किया गया कि यह वाहन जरूरत के स्थानों पर पहुचेंगी और परिस्थितियों का जायजा लेकर उपयुक्त प्रकार के एम्बुलेंस को बुलाएगी। आवश्यकता अनुसार प्राथमिक उपचार भी जरूरतमंद को दिया जाएगा और एम्बुलेंस के आने तक जरूरतमंद व्यक्ति की चिकित्सिय स्थिति को देखेगी।
उपराज्यपाल को यह भी बताया गया कि इन वाहनों से भीड़भाड़ इलाकों एवं पीक आवर में जहां चार पहिया एम्बुलेंस तुरंत नहीं पहुंच सकती वहां स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाई जा सकेगी। यह एम्बुलेंस के आवागमन को कम करेगी व 25 से 30 प्रतिशत मामलों में अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ-साथ संचालन एवं रखरखाव की लागत में कमी, रिस्पोंस टाइम में सुधार, दुर्घटना स्थल पर प्राथमिक उपचार की उपलब्धता में सुधार, मरीज के बचने की संभावना में बढोत्तरी, पीड़ितों के रक्तस्राव का नियंत्रण, ह्रद्यघात संबंधी, श्वसन, वायु मार्ग प्रबंध एवं आक्सीजन थेरेपी इत्यादि की सुविधा होगी।
स्वास्थ्य मंत्री व उपराज्यपाल के सुझाव के अनुसार बैठक में यह तय हुआ कि फर्स्ट रिस्पान्डर्स वाहन पूर्वी दिल्ली के तीन जिलों, शाहदरा और उत्तरी पूर्वी दिल्ली में पायलट योजना के तहत जनवरी 2018 से शुरू की जाए व पहले चरण में 16 फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स वाहन अपनी सेवा दें।