ट्रेनों में सेंटर बफर कपलिंग लगाये जायेंगे

रेल मंत्रालय ने दुर्घटनाओं में होने वाले जानमाल के नुकसान को न्यूनतम करने के मकसद से पांच साल में सभी लगभग 53 हज़ार रेल डिब्बों में सीबीसी लगाने का फैसला किया है।;

Update: 2017-01-20 14:08 GMT

नयी दिल्ली।  रेल मंत्रालय ने दुर्घटनाओं में होने वाले जानमाल के नुकसान को न्यूनतम करने के मकसद से पांच साल में सभी लगभग 53 हज़ार रेल डिब्बों में पांरपरिक स्क्रू कपलिंग को बदल करके आधुनिक एलएचबी कोचों में लगने वाली सेंटर बफर कपलिंग (सीबीसी) लगाने का फैसला किया है और चुनाव के बाद युद्धस्तर पर यह काम शुरू किया जायेगा।

रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं को अत्यंत गंभीरता से लिया है। विभिन्न स्तरों पर विचार विमर्श में पुन: यह तथ्य उभर कर आया है कि रेल दुर्घटनाओं में जानमाल की हानि का कारण डिब्बों का एक दूसरे पर चढ़ जाना है।

20 नवंबर को इंदौर राजेन्द्रनगर पटना एक्सप्रेस की दुर्घटना और दिसंबर प्रथम सप्ताह में हावड़ा-अजमेर एक्सप्रेस की दुर्घटनाओं की तुलना करने पर इसी तथ्य की पुष्टि हुई है। सूत्रों के अनुसार इसके कारणों पर विचार करने पर पता चला कि डिब्बों को आपस में जोड़ने वाले कपलर में समस्या है।

पुराने स्क्रू वाले कपलर डिब्बों को एक दूसरे पर चढ़ने से नहीं रोकते हैं जबकि आधुनिक एलएचबी कोच सीबीसी कपलर के कारण एक दूसरे पर नहीं चढ़ते हैं। सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री ने इस बारे में उपलब्ध सभी विकल्पों की समीक्षा की है और पहला निर्णय यह लिया है कि अब पारंपरिक आईसीएफ कोचों का निर्माण अगले साल तक पूरी तरह से बंद करके सभी कोच विनिर्माण कारखानों में केवल एलएचबी कोचों का विनिर्माण किया जाये।

आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार रेलवे पहले ही वर्ष 2018-19 से आईसीएफ कोचों का विनिर्माण पूरी तरह से बंद कर देने तथा वर्ष 2016-17 में 1697 एलएचबी कोचों का विनिर्माण 2019-20 तक लगभग दोगुना करके 3349 बनाने का निर्णय ले चुकी है। इस दिशा में अब और तेज़ कदम उठाये जायेंगे।

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