इस्‍पात क्षेत्र को प्रतिस्‍पर्धी बनाने के लिए सभी उपाय होंगे : पीयूष

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा इस्‍पात मंत्री धमेंद्र प्रधान ने मंगलवार को इस्‍पात क्षेत्र की चुनौतियों और आयात-निर्यात पर इस्‍पात कंपनियों के साथ विचार-विमर्श किया;

Update: 2019-06-11 23:11 GMT

नई दिल्ली। केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा इस्‍पात मंत्री धमेंद्र प्रधान ने मंगलवार को इस्‍पात क्षेत्र की चुनौतियों और आयात-निर्यात पर इस्‍पात कंपनियों के साथ विचार-विमर्श किया।

दोनों मंत्रियों ने इस्‍पात उद्योग को आश्‍वासन दिया कि वाणिज्‍य एवं उद्योग तथा इस्‍पात मंत्रालय अगले पाँच वर्षों के दौरान इंजीनियरिंग सामान के निर्यात को दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस्पात निर्यात का लक्ष्‍य वर्ष 2030 तक 200 अरब डॉलर निर्धारित किया गया है। इससे भारतीय निर्यात को न सिर्फ प्रोत्‍साहन मिलेगा, बल्कि यह विनिर्माण क्षेत्र, विशेषकर छोटे उद्याेग क्षेत्र, में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। 

बैठक के दौरान इस्‍पात निर्यात परिषदों के प्रतिनिधियों ने अन्‍य देशों की संरक्षणवादी कानूनों का मुद्दा उठाया। दोनों मंत्रियों ने आयात-निर्यात शुल्क उपायों पर विस्‍तार से चर्चा की, ताकि अनावश्‍यक आयात को कम किया जा सके तथा निर्यात में बढ़ोतरी की जा सके।

इस बैठक में श्री गोयल और श्री प्रधान के अलावा इस्पात राज्य मंत्री फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते, इस्‍पात सचिव विनय कुमार, वाणिज्‍य सचिव अनूप वाधवन, विदेश व्‍यापार के महानिदेशक आलोक वर्धन चतुर्वेदी, वाणिज्‍य तथा इस्‍पात मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी, भारतीय इस्‍पात परिसंघ, इस्‍पात विनिर्माता तथा इस्‍पात क्षेत्र के अन्‍य परिसंघ के प्रतिनिधि मौजूद थे। 

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