जम्मू कश्मीर में वैष्णो देवी समेत सभी धार्मिकस्थल खुले

कोरोना संक्रमण के चलते मार्च महीने से बंद पड़े मंदिरों के शहर जम्मू के सभी धार्मिक स्थल रविवार को लंबे इंतजार बाद खुल गए।;

Update: 2020-08-16 16:19 GMT

जम्मू । कोरोना संक्रमण के चलते मार्च महीने से बंद पड़े मंदिरों के शहर जम्मू के सभी धार्मिक स्थल रविवार को लंबे इंतजार बाद खुल गए। वैष्णो देवी की यात्रा भी शुरू हो गई है। हालांकि वैष्णो देवी भवन में 17 लोगों के पाजिटिव पाए जाने के बावजूद श्राइन बोर्ड ने यात्रा को खोलने का खतरा मोल लिया है।

धार्मिक स्थल खुलने से उत्साहित श्रद्धालु सुबह पहले पहर से माथा टेकने मंदिरों, गुरुद्वारों में पहुंचने लगे। एक लंबे इतजार के बाद अपने देवी देवताओं से मिलने का श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया। हालांकि जम्मू में सप्ताह के अंत में शुक्रवार सात बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक लॉकडाउन रहता है। उसके बावजूद बचते बचाते श्रद्धालु मंदिरों, गुरूद्वारों में पहुंचे भगवान के द्वारा माथा टेक सबकी खुशहाली और जल्द कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की।

आज से वैष्णो देवी की यात्रा भी शुरू हो गई है। कोरोना महामारी के चलते बीते 18 मार्च को वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थी। पांच महीने के इंतजार के बाद आज यानि 16 अगस्त से श्रद्धालु फिर से मां वैष्णो देवी के दर्शन कर सकेंगे। कोरोना के सख्त नियमों के साथ यात्रा शुरू हुई है। फिलहाल यात्रा के पहले चरण में प्रतिदिन सिर्फ 2,000 श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे।

एक दर्शनार्थी ने बताया कि कोरोना के कारण यात्रा 5 महीने से बंद थी, जम्मू से हम लोग का पहला ग्रुप है जो माता के दर्शन करने आए हैं। यहां पर सैनिटाइज़र मशीन और थर्मल मशीन लगे हुए हैं। जिनका ऑनलाइन सिस्टम जिनका हैं वही लोग ही माता के दर्शन कर पाएंगे।

धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष मुबारक सिंह ने बताया कि प्रशासन द्वारा जारी हिदायतों का पालन करते हुए सभी मंदिर खोल दिए गए हैं। लॉकडाउन की पाबंदियों का तरीके से पालन हो इसके लिए पुजारियों, मंदिर प्रबंधकों और दूसरे लोगों की कमेटियों का भी गठन कियाग या है। लक्ष्मी नारायण मंदिर ट्रस्ट गांधीनगर के अध्यक्ष पूर्व मंत्री गुलचौन सिंह चाढ़क ने कहा कि मंदिर खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखा गया है कि शारीरिक दूरी बने रहे। साफ सफाई का काम तरीके से हो। बार-बार सैनिटाइजेशन होती रहे। मंदिर में दर्शनों के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं का नाम पता और मोबाइल नम्बर लिखने के लिए रजिस्ट्र लगाया गया है।

वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में केवल 2000 श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे। इनमें से 1900 जम्मू कश्मीर के, जबकि 100 अन्य राज्यों के श्रद्धालु होंगे। अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 टेस्ट अनिवार्य होगा। 10 साल से छोटे या फिर 60 साल से ऊपर के लोगों के साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रथम चरण में यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी। हर श्रद्धालु को मास्क या फिर फेस शिल्ड पहनना अनिवार्य होगा और शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखना होगा। प्रथम चरण में दर्शन के लिए वैष्णो देवी भवन की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को केवल पारंपरिक मार्ग से ही जाना होगा और दर्शन के बाद वापस नए ताराकोट मार्ग से आना होगा।

--सुरेश एस डुग्गर--

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