नहीं रहे ऑल इंडिया रेडियो से जुड़े लेखक मधुकर गंगाधर

हिंदी के प्रख्यात लेखक मधुकर गंगाधर का आज यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे;

Update: 2020-12-07 08:24 GMT

नई दिल्ली। हिंदी के प्रख्यात लेखक मधुकर गंगाधर का आज यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।

श्री गंगाधर की पत्नी और बेटी का निधन कुछ वर्ष पूर्व हो गया था। बिहार के पूर्णिया जिले के झलारी गांव में सात जनवरी 1932 में जन्मे श्री गंगाधर नयी कहानी आंदोलन के प्रमुख कहानीकार थे और हिंदी के यशस्वी लेखक फणीश्वर नाथ रेणु तथा कमलेश्वर के मित्र थे। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को उनके गांव में किया जाएगा। उन्होंने पूर्णिया कॉलेज से इंटर और बी. ए. तथा पाटना विश्वविद्यालय के एम.ए किया था। वे पटना आकाशवाणी में रेणुजी के सहयोगी थे तथा इलाहाबाद में ऑल इंडिया रेडियो के निदेशक भी थे। बाद में वह दिल्ली ऑल इंडिया रेडियो में उप महानिदेशक बने। 39 वर्ष तक ऑल इंडिया रेडिया में सेवा देने के बाद वह दिल्ली में स्वतंत्र लेखन कर रहे थे।

उनके लिखे दस कहानी संग्रह आठ उपन्यास और तीन नाटक है। शेरछाप कुर्सी, मोतियों वाले हाथ, हिरना की आंखें उनकी चर्चित कृतियाँ हैं।

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