मायावती के जन्मदिन के खास मेहमान होंगे अखिलेश

अपनी धुर विरोधी सपा से गठबंधन कर देश की राजनीति में सरगर्मी लाने वाली बसपा अध्यक्ष मायावती मंगलवार को अपना 63वां जन्मदिन धूमधाम से मनायेंगी;

Update: 2019-01-14 20:18 GMT

लखनऊ। अपनी धुर विरोधी समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन कर देश की राजनीति में सरगर्मी लाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती मंगलवार को अपना 63वां जन्मदिन धूमधाम से मनायेंगी।

इस खास मौके पर पहली बार समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा राजनीतिक जगत की कई जानी मानी हस्तियां उन्हे बधाई देने के साथ साथ केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ उनके साथ खड़े होने का प्रस्ताव भी दे सकती हैं। 

बसपा सुप्रीमो के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गली चौराहे बधाई संदेशों के पोस्टर बैनर से पट गये हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जगह जगह होर्डिंग और पोस्टर लगाये हैं जिसमें सुश्री मायावती को उनके जन्मदिन पर बधाई दी गयी है। 

यूं तो हर साल मायावती अपने जन्मदिन को जनकल्याणकारी दिवस के तौर पर मनाती है जिसमें उत्तर प्रदेश के अलावा बाहर के राज्यों से पार्टी कैडर जोर शोर से हिस्सा लेंते है लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता को चुनौती देने के लक्ष्य के साथ बसपा सुप्रीमो ने 25 साल की दुश्मनी को भुलाकर सपा से जो ऐतिहासिक समझौता किया है, उससे इस बार यह जन्मदिन सत्ता पक्ष के साथ साथ भाजपा विरोधियों के लिये भी खास बन गया है। 

पार्टी सूत्रों की माने तो इस खास मौके पर प्रदेश के बाहर अन्य राजनैतिक दलों के जाने माने चेहरों को आमंत्रित किया गया है। इस मौके पर सुश्री मायावती ने सुबह 11 बजे पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बसपा की ब्लू बुक “ मेरा संघर्षमय जीवन” एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा भाग 14 का विमोचन करेंगी। इसके अलावा वह एक संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी।

मायावती दोपहर बाद दिल्ली चली जाएंगी जहां भी उनके जन्मदिन के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
सूत्राें के मुताबिक मायावती के जन्मदिन के मौके पर अथवा इसके बाद लगभग फाइनल हो चुकी बसपा-सपा गठबंधन की सूची का एलान किया जा सकता है जिसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की संयुक्त रैलियों का कार्यक्रम भी तैयार है। दोनों नेता वाराणसी के साथ कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर समेत हर मंडल में रैलियां कर सकते हैं। 

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