अखिलेश सरकार को करारा झटका,एससी वर्ग में 17 जातियों को शामिल करने पर रोक

इलाहाबाद ! अखिलेश यादव सरकार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तगड़ा झटका दिया है। न्यायालय ने मंगलवार को सरकार द्वारा लिए गए;

Update: 2017-01-25 05:27 GMT

इलाहाबाद !  अखिलेश यादव सरकार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तगड़ा झटका दिया है। न्यायालय ने मंगलवार को सरकार द्वारा लिए गए 17 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को अनुसूचित जाति (एससी) कैटेगरी में शामिल करने के फैसले पर रोक लगा दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने दिया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में 17 ओबीसी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर मुहर लगा दी थी। सरकार के इस फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। जिस पर आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार के एससी कैटेगरी में शामिल होने के फैसले पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज इस बाबत प्रमुख सचिव समाज कल्याण को निर्देश भी दिया है। न्यायालय ने कहा कि इन 17 जातियों को किसी भी कीमत पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।

17 जातियां जो एससी वर्ग में नहींहोंगी शामिल
सरकार ने हाल में ओबीसी की कहार-कुम्हार, मांझी, गोंड, प्रजापति, राजभर सहित सत्रह जातियों को, एससी कैटेगरी में शामिल करने का जीओ जारी किया था। गोरखपुर की एक संस्था ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें सरकार के आदेश को रद्द किए जाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि सरकार को इस तरह के आदेश देने का अधिकार ही नहीं है, सिर्फ संसद में कानून बनाकर ही किसी जाति को एससी कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है।

 

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