दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सही नहीं, पर बीते वर्षो से बेहतर

नई दिल्ली| दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बदतर श्रेणी से निकलकर खराब श्रेणी में प्रवेश कर गई है और इसका वायु गुणवत्ता सूचकांक (एआईक्यू) रविवार को 266 रहा, जो इस बात का संकेत है;

Update: 2019-10-13 19:19 GMT

नई दिल्ली| दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बदतर श्रेणी से निकलकर खराब श्रेणी में प्रवेश कर गई है और इसका वायु गुणवत्ता सूचकांक (एआईक्यू) रविवार को 266 रहा, जो इस बात का संकेत है कि प्रदूषण स्तर उतना बुरा नहीं है, जितना पिछले कुछ वर्षो के दौरान रहा है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे द्वारा विकसित प्रदूषण वाच, सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्लालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च) इंडिया के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में है और हरियाणा और पंजाब में बड़े पैमाने पर जलाई जाने वाली पराली का असर दिल्ली के एआईक्यू पर जल्द असर दिखा सकता है।

खराब श्रेणी में पीएम 2.5 कण की संख्या 110 है, वहीं पीएम 10 की संख्या 201 पर स्थिर है।

सफर के अनुसार, हालांकि पीएम 2.5 की कुल गणना में बाहरी बायोमास जलाए जाने की हिस्सेदारी फिलहाल लगभग दो प्रतिशत है।

बुलेटिन में कहा गया है कि हवा की स्पीड लगातार कमजोर हो रही है और वह ज्यादातर पश्चिम से बह रही है। अनुमान में कहा गया है, "इन स्थितियों में सोमवार तक वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी के मध्य तक पहुंच सकती है। इसके बाद एक्यूआई में अगली गिरावट 14 अक्टूबर तक हो सकती है, लेकिन यह खराब श्रेणी के अंदर ही रहेगी।"

मौसम अनुमान एजेंसी ने हालांकि कहा है कि वायु गुणवत्ता फिर भी पिछले कुछ वर्षो की तुलना में इस अवधि के दौरान काफी बेहतर है। और यह खासतौर से इसलिए है कि दिल्ली के चारों ओर के इलाकों में पर्याप्त नमी है और तापमान भी अपेक्षाकृत गरम है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी ने आगामी जाड़े के मौसम के दौरान दिल्ली एनसीआर के लिए कार्ययोजना पर चर्चा के लिए हाल ही में उद्योगों के साथ बैठक की थी।

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