आंदोलन खत्म होने के बाद किसानों की घर वापसी शुरू, आज पूरे देश में मनाएंगे विजय दिवस
एक साल तक किसान सडकों पर डटे रहे। खुले आसमान के नीचे तंबू और टेंट के भीतर गर्मी-सर्दी सब सहते रहे;
नई दिल्ली। एक साल तक किसान सडकों पर डटे रहे। खुले आसमान के नीचे तंबू और टेंट के भीतर गर्मी-सर्दी सब सहते रहे, लेकिन आज किसानों के चेहरे पर कोई परेशानी नहीं, बल्कि उनके भीतर जीत का भाव है। किसानों में जश्न का माहौल है। कानून वापसी की मांग मनवाकर आज किसान घर लौटे रहे हैं। इस बीच किसानों ने आज पूरे देश में विजय दिवस मनाने का एलान किया है।सड़क से तंबू, टेंट और पंडाल हटाए गएदिल्ली से हरियाणा तक से किसान अपने घरों को लौट रहे हैं। नेशनल हाइवे 44 पर आंदोलन के दौरान बनाए गए ईंटों के मकानों को किसानों ने तोड़ दिया है। सड़क से तंबू, टेंट और पंडाल हटाए जा रहे हैं। आंदोलनरत किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों तक में घर बना रखा था। अब ये ट्रैक्टर ट्रॉलियां पंजाब-हरियाणा और यूपी के खेतों में वापस पहुंचेगी। अन्नदाता अनाज उगाने के काम में जुट जाएंगे और दिल्ली की चमचमाती सड़कों पर एक साल बाद गाड़ियां फर्राटा भरकर दौड़ना शुरू कर देंगी।
पंजाब सरकार करेगी किसानों का स्वागतआंदोलन खत्म करने के एलान के साथ किसानों ने घर वापसी के लिए 11 और 12 दिसंबर की तारीख तय की थी। दिल्ली की सीमाओं से लौटने वाले किसानों का पंजाब सरकार स्वागत करेगी। इसका एलान सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने किया है। किसानों, मजदूरों और संयुक्त किसान मोर्चा को बधाई देते हुए चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा ये केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों की जीत है। राज्य सरकार अपनी माटी के बेटों का स्वागत करेगी।
सिंघु बॉर्डर से किसान अंबाला तक साथ जाएंगे और फिर अपने-अपने जिले के लिए जाएंगे, लेकिन जिनके घर दूर हैं, वो फतेहपुर साहिब में आज की रात रुकेंगे। जबकि टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान पटियाल के रास्ते पंजाब पहुंचेंगे। कुल मिलाकर कल यानी 12 दिसंबर तक सभी किसानों के अपने-अपने घर पहुंच जाने का कार्यक्रम है। वहीं 13 दिसंबर को किसान अमृतसर में श्री दरबार साहब में मत्था टेकेंगे।