मौत के बाद मराठा आंदोलन उग्र हाईवे बंद व आगजनी
महाराष्ट्र में मराठाओं को आरक्षण देने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप अख्तियार कर लिया;
औरंगाबाद। महाराष्ट्र में मराठाओं को आरक्षण देने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप अख्तियार कर लिया, जिसकी चपेट में आकर एक पुलिसकर्मी और चार अन्य लोग घायल हो गए। इसके अलावा चार लोगों ने आत्महत्या की कोशिश की, एक दर्जन से ज्यादा वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया या जला दिया गया और एक सांसद और विधानसभा पार्षद के साथ धक्का-मुक्की की गई। कई मराठा संगठनों ने बुधवार को 'मुंबई बंद' रखने का आह्वान किया है।
मराठा सकल समाज (राज्य स्तरीय निकाय) ने समुदाय के सभी सदस्यों से बंद के दौरान शांति रखने का आग्रह किया। मुंबई के लिए मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक वीरेंद्र पवार ने बताया कि हजारों लोग पंढरपुर उत्सव से वापस लौट रहे हैं, इसलिए मुंबई और कोंकण क्षेत्र में बुधवार को बंद रखा गया है। हम सभी लोगों से शांति और अनुशासन की अपील करते हैं। औरंगाबाद में शुरू हुए इस आंदोलन के बाद, उत्तरी, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कई जिलों में लोगों ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर जुलूस निकाला।
औरंगाबाद, उस्मानाबाद, पुणे में सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया। वहीं कई क्रूध मराठाओं ने औरंगाबाद में दमकल के एक वाहन और एक ट्रक, हिंगोली में एक पुलिस वैन, कोल्हापुर में कम से कम पांच सरकारी बसों पर पथराव किया और इसके अलावा अन्य वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। अधिकारियों ने एहतियाती कदम उठाते हुए औरंगाबाद में इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी। नांदेड़, उस्मानाबाद और कुछ अन्य जगहों पर स्कूल और कॉलेज बंद रहे।
औरंगाबाद के कैगांव में 28 वर्षीय काकासाहेब दत्तात्रेय शिंदे ने सोमवार शाम आरक्षण की मांग को लेकर गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी जिसकी प्रतिक्रिया में मंगलवार को कई जिलों में बंद किया गया। शिंदे के अंतिम संस्कार में उसके पैतृक गांव कानड से हजारों लोग इकट्ठा हुए। यहां गुस्साए मराठाओं ने शिवसेना के सांसद चंद्रकांत खरे का विरोध किया और उनके साथ धक्का-मुक्की की। वहीं कांग्रेस नेता सुभाष जांबद के साथ भी धक्का-मुक्की की गई।