आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की वकालत करनी चाहिये: पप्पू यादव
जन अधिकार पार्टी के संरक्षक एवं बिहार में मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज कहा कि राजनीतिक दलों को निहित स्वार्थ को त्याग कर जनसंख्या और आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की वकालत करनी चाहिए;
लखनऊ। जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के संरक्षक एवं बिहार में मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज कहा कि राजनीतिक दलों को निहित स्वार्थ को त्याग कर जनसंख्या और आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की वकालत करनी चाहिये।
यादव ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि आरक्षण के नाम पर दशकों से राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेंकते आये हैं जिसका खामियाजा देश की गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है।
जाति धर्म के नाम पर दिये जाने वाले आरक्षण से भला हाेने वाला नहीं है बल्कि यह समाज में पड़ी दरार को और बढ़ायेगा।
अच्छा तो यह होगा कि जनसंख्या घनत्व और गरीबी को आधार बनाकर आरक्षण की नीति बनायी जाये। इससे न सिर्फ जाति अौर धर्म के नाम पर फैली वैमनस्यता पर लगाम लगेगी बल्कि गरीबी उन्मूलन में भी मदद मिलेगी।
केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार (राजग) सरकार पर जातिगत और संप्रदायवादी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुये कहा कि शिक्षा, विकास, गरीबी उन्मूलन और रोजगार सरीखे मुद्दों से किनारा करके देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण पैदा किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नदी का दर्जा प्राप्त गंगा को साफ सुथरा करने के लिये नरेन्द्र मोदी सरकार उदासीन रवैया अपनाये हुये है।
पिछले लोकसभा चुनाव में गंगा को मां कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अब गंगा के प्रदूषण से कोई सरोकार नहीं है। गंगा के उद्गम स्थल उत्तराखंड और रास्ते में पड़ने वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है जबकि बिहार की नीतिश सरकार में वह सहयोगी पार्टी है। गंगा में व्याप्त प्रदूषण वोट बैंक की राजनीति करने वाली भाजपा का असली चेहरा उजागर करता है।
मधेपुरा में लगातार छह बार सांसद रहे पप्पू यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुये कहा कि कानून व्यवस्था और विकास की बड़ी बड़ी बातें करने वाली यह सरकार झूठ की बुनियाद पर खड़ी है।
अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) की पिछली सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में जाति विशेष को तवज्जो देना जगजाहिर हो चुका है। कानून व्यवस्था के मामले में बिहार के बाद उत्तर प्रदेश का दूसरा नम्बर है। विकास कार्य ठप पड़े हैं। राज्य में बेरोजगारी का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है।
वर्ष 2015 के बेस्ट परफार्मिंग सांसद के सम्मान से नवाजे गये श्री यादव ने तीन तलाक के मुद्दे पर कहा कि इस संवेदनशील मसले पर दंड का प्रावधान करने के बजाय उच्चतम न्यायालय के फैसले को प्राथमिकता देनी चाहिये थी। सामाजिक न्याय के मामले में दंड का प्रावधान सही नहीं ठहराया जा सकता है।