वंशवादी तथा विनाशकारी राजनीति में विश्वास करते हैं गुपकार के पैरोकार : नकवी
केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिकलेरेशन (पीएजीडी) को ऐसे लोगों ने बनाया है जो वंशवादी तथा विनाशकारी राजनीति में विश्वास रखते हैं;
कुपवाड़ा। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिकलेरेशन (पीएजीडी) को ऐसे लोगों ने बनाया है जो वंशवादी तथा विनाशकारी राजनीति में विश्वास रखते हैं और यह उनके लिए ही पतन का कारण बनेगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री नकवी इस समय दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर हैं। घाटी में होने वाले जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए वह भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
श्री नकवी ने प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकाराें पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए जो धन राशि भेजी जाती थी उसका इस्तेमाल राजनेता अपने निजी लाभ के लिए करते थे।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विकास सुनिश्चित करने के साथ ही घाटी के लोगों का सम्मान भी वापस लौटायेगी।
श्री नकवी ने गुरुवार को कुपवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “ पीएजीडी को ऐसे लोगों ने बनाया है जो वंशवादी तथा विनाशकारी राजनीति में विश्वास रखते हैं और यह उनके लिए ही पतन का कारण बनेगा क्योंकि जम्मू-कश्मीर के लोग विकास का हिस्सा बनना चाहते हैं जबकि पीएजीडी के लोग कश्मीर को विनाश के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं।”
उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा, “ कांग्रेस गुपकार डिकलेरेशन को लेकर दुविधा में हैं। कभी कहती है कि वह इसके साथ हैं और कभी कहती है कि इससे उसका कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस अब अपने ही जाल में फंस गयी है।”
उन्होंने स्थानीय निकास चुनाव का बहिष्कार करने को लेकर भी पीएजीडी की आलोचना करते हुए कहा, “ इन नेताओं ने जमीनी स्तर की राजनीति का विरोध किया है क्योंकि यह खानदानी गुरूर और बंदिनी सरूर पर विश्वास करते हैं।”
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गुपकार के नेता कभी नहीं चाहते थे कि घाटी से संबंधित संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाया जाये। इस कानून को संसद ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लाभ के लिए पारित किया था। अनुच्छेद 370 की समाप्ति ने जम्मू-कश्मीर के ऐसे पुराने कानूनों को खत्म करने का रास्ता खोला है जो जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख क्षेत्र की विकास प्रक्रिया में बाधक बने हुए थे। अब जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख के लोगों को केन्द्र सरकार की विभिन्न सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक कल्याण योजनाओं का लाभ मिल रहा है।”